शिव चालीसा | भगवान शिव की आराधना का महत्व और चमत्कार

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नमस्कार हिन्दू भाइयों कैसे हैं आप भाइयों आज हम भगवान शिव जी की चालीसा को अच्छे से अच्छी भाषा में उसका जाप करेंगे। भाइयों भारत की संस्कृति और धर्म में भगवान शिव का स्थान सबसे विशेष है। उन्हें महादेव, भोलेनाथ, शंकर, नीलकंठ और रुद्र जैसे अनेक नामों से जाना जाता है। शिवजी को त्रिदेवों में संहारक माना गया है, लेकिन साथ ही वे भोले और दयालु भी हैं।
इसीलिए भक्तजन उन्हें प्रसन्न करने के लिए शिव चालीसा का पाठ करते हैं।

शिव चालीसा – Hindi Lyrics

॥ दोहा ॥
जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥

॥ चौपाई ॥
जय गिरिजा पति दीनदयाला। सदा करत संतन प्रतिपाला॥
भालचन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥

अंग गौर शिर गंग बहाये। मुंडमाल तन छार लगाये॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥

मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥

नन्दी गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल है जैसे॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥

देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥

तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महाँ मार गिरायउ॥
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचायी। सबहिं कृपा कर लीन बचायी॥
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥

दानिन महा मुनि को लय आयो। गंगाभागीरथ नाम धरायो॥
पुनः शुक्राचार्य जब आनी। त्राहि त्राहि सब देनु बखानी॥

कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नहिं तिनु संकट कोइ सहाई॥
सुतक काज मुनि करी बिबाह। ताहिं समय हरि आये त्रिनाथ॥

लीन्ह परीक्षा ताहिं पुरारी। आप बिभूति दीन्ह अति भारी॥
जय जय जय शंकर, स्वामी। जय त्रिपुरारी, जगत अभिरामी॥

॥ दोहा ॥
जय शंकर प्रभु, प्रभु दयाला। दीननाथ दयामय बाला॥
सदा करत रहो संत उबारा। असुर निकंदन, त्रिभुवन धारा॥

॥ चौपाई ॥
नंदी ब्रह्मा शारद शंकर। पार्वती संग सदा हरिहर॥
भूत पिशाच निकट नहिं आवै। महाबली महिमा जो गावै॥

नाथ कृपा ते होय निरोगी। हर हर नाम लेत मन जोगी॥
रोग दोष कष्ट सब नासै। मात-पिता का सदा सुख दासै॥

धन्य वेष शिवजी का प्यारा। जो नर गावत भाव विचारा॥
मनोवांच्छित फल पावत भारी। तिनके काज सफल संसारी॥

॥ दोहा ॥
शिव चालीसा जो कोई गावै। तन मन बांच्छित सुख फल पावै॥
अयोध्यादास प्रभु हित गाई। जस की जुग जुग रहत बड़ाई॥

Shiv Chalisa – Roman Hindi Lyrics

॥ Doha ॥
Jai Ganesh Girija Suvan, Mangal Mool Sujan.
Kahat Ayodhya Das Tum, Dehu Abhay Vardan॥

॥ Chaupai ॥
Jai Girija Pati Deen Dayala, Sada Karat Santan Pratipala.
Bhal Chandrama Sohat Nike, Kanan Kundal Naagphani Ke.

Ang Gaur Shir Ganga Bhaye, Mund Mala Tan Chhar Lagaye.
Vastra Khaal Baghambar Sohe, Chhavi Ko Dekh Naag Muni Mohe.

Maina Matu Ki Hvai Dulari, Baam Ang Sohat Chhavi Nyari.
Kar Trishool Sohat Chhavi Bhaari, Karat Sada Shatrun Kshaykaari.

Nandi Ganesh Sohai Tahan Kaise, Sagar Madhya Kamal Hai Jaise.
Kartik Shyam Aur Gannarau, Ya Chhavi Ko Kahi Jat Na Kau.

Devan Jabahi Jaay Pukara, Tab Hi Dukh Prabhu Aap Nivara.
Kiya Upadrav Tarak Bhaari, Devan Sab Mili Tumhin Juhari.

Turat Shadanan Aap Pathayo, Lavanimesh Mahan Maar Girayo.
Aap Jalandhar Asur Sanhara, Suyash Tumhar Vidit Sansara.

Tripurasur San Yudh Machayi, Sabahi Kripa Kar Leen Bachayi.
Kiya Tapahin Bhagirath Bhaari, Purab Pratijna Taasu Purari.

Daanin Maha Muni Ko Layaayo, Ganga Bhagirath Naam Dharayo.
Punha Shukracharya Jab Aani, Traahi Traahi Sab Den Bakhani.

Kinha Daya Tahan Kari Sahai, Nahi Tin Sankat Koi Sahai.
Sutak Kaaj Muni Kari Bibah, Tahi Samay Hari Aaye Trinath.

Leenha Pariksha Tahi Purari, Aap Bibhuti Deenha Ati Bhaari.
Jai Jai Jai Shankar Swami, Jai Tripurari Jagat Abhirami.

॥ Doha ॥
Jai Shankar Prabhu Prabhu Dayala, Deen Nath Dayamay Bala.
Sada Karat Raho Sant Ubara, Asur Nikandan Tribhuvan Dhara.

॥ Chaupai ॥
Nandi Brahma Sharad Shankar, Parvati Sang Sada Harihar.
Bhoot Pishaach Nikat Nahi Aave, Mahabali Mahima Jo Gaave.

Nath Kripa Te Hoy Nirogi, Har Har Naam Let Man Yogi.
Rog Dosh Kasht Sab Naasai, Maat Pita Ka Sada Sukh Daasai.

Dhanya Vesh Shivji Ka Pyara, Jo Nar Gaavat Bhav Vichara.
Manovaanchhit Phal Paavat Bhaari, Tinke Kaaj Safal Sansaari.

॥ Doha ॥
Shiv Chalisa Jo Koi Gaave, Tan Man Banchhit Sukh Phal Paave.
Ayodhya Das Prabhu Hit Gaai, Jas Ki Jug Jug Rahat Badhai.

शिव चालीसा क्या है?

शिव चालीसा 40 चौपाइयों का एक भक्तिगीत है, जिसमें भगवान शिव के स्वरूप, उनकी महिमा और उनके दिव्य चरित्र का वर्णन किया गया है। यह चालीसा तुलसीदासजी द्वारा रचित हनुमान चालीसा की तरह ही सरल भाषा में लिखी गई है ताकि हर कोई इसे गा सके और समझ सके।

भक्तों का मानना है कि शिव चालीसा का पाठ करने से जीवन में शांति आती है, दुख दूर होते हैं और हर कार्य में सफलता मिलती है।

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शिव चालीसा का पाठ कब और कैसे करें?

शिव चालीसा का पाठ करने के लिए किसी विशेष दिन की आवश्यकता नहीं है, लेकिन खासतौर पर सोमवार और महाशिवरात्रि को इसका महत्व और बढ़ जाता है।

पाठ विधि:

  1. सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  2. भगवान शिव के चित्र या शिवलिंग के सामने दीपक जलाएँ।
  3. बिल्वपत्र, फूल और जल अर्पित करें।
  4. शांत मन से श्रद्धा भाव के साथ शिव चालीसा का पाठ करें।
  5. अंत में “ॐ नमः शिवाय” का जाप करें।

शिव चालीसा पाठ के लाभ

  1. मानसिक शांति – लगातार पाठ करने से मन शांत होता है और तनाव कम होता है।
  2. समृद्धि और सुख – शिवजी की कृपा से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
  3. स्वास्थ्य लाभ – भक्ति भाव से किया गया पाठ रोगों से मुक्ति दिलाता है।
  4. संकट से रक्षा – यह माना जाता है कि शिवजी अपने भक्तों को हर संकट से बचाते हैं।
  5. भक्ति और आध्यात्मिकता – शिव चालीसा से मन भगवान की ओर आकर्षित होता है और भक्ति की भावना प्रबल होती है।

शिव चालीसा के कुछ प्रमुख अंश (भावार्थ सहित)

  • जय गिरिजा पति दीन दयाला, सदा करत संतन प्रतिपाला
    → हे पार्वतीपति, दीन-दुखियों पर दया करने वाले और संतों का पालन करने वाले शिवजी को प्रणाम।
  • भूतनाथ महादेव तुम्हारा, नाम लेते मिटे क्लेश हमारा
    → महादेव! आपका नाम लेने मात्र से ही हमारे दुख और कष्ट मिट जाते हैं।
  • त्रिभुवननाथ तुम्हें जग जाना, आदि अनादि अमित महिमा माना
    → तीनों लोकों के नाथ शिवजी की महिमा अनादि और अपरंपार है।

शिव चालीसा सुनने और पढ़ने का महत्व

आज के समय में बहुत से लोग रोज़ पाठ न कर पाने पर मोबाइल या यूट्यूब पर शिव चालीसा ऑडियो सुनते हैं। यह भी उतना ही फलदायी माना जाता है क्योंकि भगवान भाव से प्रसन्न होते हैं, विधि-विधान से नहीं।

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शिव भक्ति और शिव चालीसा का असर

कहा जाता है कि जिसने भी सच्चे मन से शिव चालीसा का पाठ किया, उसका जीवन कष्टमुक्त हुआ है। कई भक्त अपनी जीवन की कठिनाइयों को दूर करने के लिए नियमित 40 दिनों तक इसका पाठ करते हैं।

निष्कर्ष: शिव चालीसा | भगवान शिव की आराधना का महत्व और चमत्कार

शिव चालीसा केवल एक स्तुति नहीं है, बल्कि यह भक्ति, श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है। यह हमें जीवन की कठिनाइयों से लड़ने की शक्ति देती है और शिवजी की कृपा से हर संकट दूर हो जाता है।
अगर आप अपने जीवन में शांति, सुख और सफलता चाहते हैं, तो रोज़ाना या कम से कम सोमवार को शिव चालीसा का पाठ जरूर करें।

“ॐ नमः शिवाय”

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धन्यवाद भाइयों

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