भारत में जब भी पति-पत्नी के रिश्ते की बात आती है तो सबसे पहले करवा चौथ व्रत का ज़िक्र जरूर होता है। यह व्रत सिर्फ एक धार्मिक परंपरा ही नहीं है, बल्कि पति-पत्नी के बीच विश्वास, प्रेम और समर्पण का प्रतीक भी है। सदियों से देखा जाता रहा है कि करवा चौथ का व्रत मुख्य रूप से महिलाएँ ही रखती हैं।क्या पुरुष करवा चौथ का व्रत रख सकते हैं? महिलाएँ दिनभर बिना पानी पिए और बिना भोजन किए व्रत रखती हैं और शाम को चाँद देखकर पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हैं। लेकिन अब सवाल उठता है कि क्या पुरुष भी करवा चौथ का व्रत रख सकते हैं?

करवा चौथ का महत्व और परंपरा
करवा चौथ का महत्व उत्तर भारत में सबसे ज्यादा देखने को मिलता है। खासकर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली जैसे राज्यों में इस त्योहार की धूम रहती है। इस दिन महिलाएँ सुबह सूर्योदय से पहले सर्गी खाती हैं और उसके बाद पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं। रात को जब चाँद निकलता है तो महिलाएँ छलनी से चाँद को देखती हैं और फिर अपने पति को देखकर व्रत खोलती हैं।
धार्मिक मान्यता के अनुसार यह व्रत पति की लंबी उम्र और उसके अच्छे स्वास्थ्य के लिए रखा जाता है। लेकिन अगर देखा जाए तो यह सिर्फ एक परंपरा ही नहीं बल्कि पति-पत्नी के बीच प्यार और विश्वास को गहरा करने का अवसर भी है। आजकल कई जगहों पर यह चलन भी बढ़ा है कि पति भी अपनी पत्नियों के लिए व्रत रखते हैं।
क्या पुरुष करवा चौथ का व्रत रख सकते हैं?
अब असली सवाल यही है कि क्या पुरुष भी यह व्रत रख सकते हैं? जवाब है हाँ, बिल्कुल रख सकते हैं। धर्मशास्त्रों में ऐसा कहीं नहीं लिखा है कि यह व्रत सिर्फ महिलाओं के लिए है। यह एक मान्यता है जो सदियों से चली आ रही है। लेकिन समय के साथ सोच और परंपराएँ भी बदल रही हैं।
आजकल कई ऐसे पुरुष हैं जो अपनी पत्नियों के प्रति प्यार और सम्मान जताने के लिए करवा चौथ का व्रत रखते हैं। ऐसा करने से उन्हें अपनी पत्नी के प्रति समर्पण दिखाने का मौका मिलता है और यह आपसी रिश्ते को और मजबूत बनाता है।
पुरुषों द्वारा व्रत रखने का महत्व
अगर पुरुष भी करवा चौथ का व्रत रखते हैं तो इसके कई मायने निकलते हैं।
- प्यार और समानता का प्रतीक : जब पति भी पत्नी के साथ मिलकर व्रत रखते हैं, तो यह रिश्ते में बराबरी और सम्मान को दर्शाता है।
- आपसी विश्वास बढ़ता है : दोनों का साथ मिलकर व्रत रखना आपसी विश्वास और भावनाओं को गहरा करता है।
- समर्पण की भावना : यह दिखाता है कि पति भी अपनी पत्नी की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए उतने ही समर्पित हैं जितनी पत्नी अपने पति के लिए।
समाज में बदलती सोच
पहले करवा चौथ सिर्फ महिलाओं से जुड़ा हुआ त्योहार माना जाता था, लेकिन अब समय बदल रहा है। अब कई पुरुष भी यह व्रत रखते हैं। सोशल मीडिया और न्यूज़ में हर साल कई ऐसे किस्से सामने आते हैं जहाँ पति-पत्नी दोनों मिलकर करवा चौथ का व्रत रखते हैं। इससे यह साबित होता है कि रिश्ते में सिर्फ एक की नहीं बल्कि दोनों की भूमिका बराबर है। आज की युवा पीढ़ी इस त्योहार को सिर्फ परंपरा के रूप में नहीं बल्कि प्यार जताने के तरीके के रूप में भी देखती है। यही वजह है कि पुरुषों द्वारा व्रत रखने का चलन लगातार बढ़ रहा है।
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धार्मिक दृष्टिकोण से पुरुषों का व्रत रखना
धार्मिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो करवा चौथ का व्रत रखने के लिए कोई विशेष नियम सिर्फ महिलाओं तक सीमित नहीं है। व्रत हमेशा श्रद्धा और विश्वास से रखा जाता है। जब पति भी अपनी पत्नी के लिए व्रत रखते हैं तो उसका पुण्य फल उतना ही शुभ माना जाता है। कई पंडितों और धार्मिक विद्वानों का मानना है कि पुरुषों द्वारा व्रत रखना रिश्ते में सकारात्मक ऊर्जा लाता है और इससे दांपत्य जीवन और भी सुखमय होता है।
पुरुषों के लिए व्रत रखने के फायदे
पुरुष अगर करवा चौथ का व्रत रखते हैं तो इसके कई फायदे होते हैं।
- पत्नी के प्रति प्यार और सम्मान बढ़ता है।
- परिवार में एकता और सामंजस्य बना रहता है।
- धार्मिक दृष्टि से पुण्य की प्राप्ति होती है।
- रिश्ते में नई ऊर्जा और मजबूती आती है।
- यह आने वाली पीढ़ी के लिए भी एक अच्छा उदाहरण बनता है।
5 रोचक तथ्य (Interesting Facts)
- पहले करवा चौथ सिर्फ पंजाब और उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में मनाया जाता था, लेकिन अब यह पूरे भारत में लोकप्रिय हो चुका है।
- कई बॉलीवुड सितारे जैसे शाहरुख खान, अक्षय कुमार और अभिषेक बच्चन भी अपनी पत्नियों के साथ करवा चौथ का व्रत रखने के लिए चर्चा में रह चुके हैं।
- करवा चौथ का सीधा संबंध चंद्रमा पूजा से है, क्योंकि चाँद को आयु और शांति का देवता माना गया है।
- पहले के समय में यह व्रत सिर्फ शादीशुदा महिलाएँ ही नहीं बल्कि अविवाहित लड़कियाँ भी अपने मनचाहे जीवनसाथी की कामना के लिए रखती थीं।
- आजकल करवा चौथ को आधुनिक अंदाज़ में भी मनाया जाता है, जहाँ पति-पत्नी दोनों मिलकर व्रत रखते हैं और एक-दूसरे के लिए उपहार भी खरीदते हैं।

निष्कर्ष:क्या पुरुष करवा चौथ का व्रत रख सकते हैं?
तो अब आप समझ गए होंगे कि करवा चौथ सिर्फ महिलाओं का त्योहार नहीं है। अगर पुरुष चाहें तो वे भी यह व्रत रख सकते हैं। यह न तो धर्म के खिलाफ है और न ही परंपरा को तोड़ने जैसा है। बल्कि यह तो रिश्ते में और ज्यादा प्रेम और सम्मान लाने का एक सुंदर तरीका है।
आज की बदलती सोच में जब पति-पत्नी दोनों बराबर जिम्मेदारियों को निभाते हैं, तो ऐसे में करवा चौथ का व्रत भी दोनों का मिलकर रखना रिश्ते को और गहरा बना देता है। अगर आप भी अपनी पत्नी के साथ इस साल करवा चौथ का व्रत रखते हैं तो यह आपके रिश्ते में नई ऊर्जा और मजबूती जरूर लाएगा।



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