करवा चौथ पर चांद देखने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?: प्रणाम दोस्तों , जैसा कि आप जानते है कि करवा चौथ भारत में विवाहित महिलाओं के लिए एक बहुत ही खास और पवित्र त्योहार है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं। व्रत की समाप्ति चांद को देखकर ही होती है। इसलिए यह जानना बेहद जरूरी है कि करवा चौथ पर चांद देखने का सही समय कब है। सही समय जानने से महिलाएं व्रत पूरी श्रद्धा और सही तरीके से पूरा कर सकती हैं।

करवा चौथ पर चांद देखने का सबसे अच्छा समय कौन सा है? – से जुड़े कुछ सवाल
| सवाल | जवाब |
|---|---|
| करवा चौथ 2025 कब है? | 10अक्टूबर 2025 को है |
| चाँद देखने का समय क्या है? | लगभग 7:15 PM से 7:45 PM तक (स्थानीय समय अनुसार) |
| व्रत कब रखे? | सूर्योदय से पहले उठकर व्रत रख सकते हैं |
| पूजा समय कब है? | शाम को सूरज ढलने के बाद और चाँद निकलने से पहले पूजा करें |
| चाँद का उदय समय क्या है? | 7:20 PM के आसपास (स्थानीय समय अनुसार) |
| माता पार्वती की पूजा क्यों होती है? | करवा चौथ व्रत को सफल और सुख-समृद्धि के लिए माता पार्वती की पूजा जरूरी है |
| व्रती का नियम क्या है? | पूरे दिन उपवास रखना, केवल चाँद देख कर भोजन ग्रहण करना |
| सूर्यास्त का समय कब है? | 6:50 PM के आसपास (स्थानीय समय अनुसार) |
| करवा चौथ कथा क्या है? | व्रत के पीछे कथा होती है, जिसमें पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि का महत्व बताया गया है |
करवा चौथ की तिथि और चंद्रमा का महत्व क्या है?
दोस्तों आपको बता दें कि करवा चौथ हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस दिन चंद्रमा का उदय विशेष महत्व रखता है। व्रत का अंतिम संस्कार और चांद देखने का समय हिंदू पंचांग के अनुसार निर्धारित किया जाता है। चंद्रमा की स्थिति और समय का सही होना इसलिए जरूरी है क्योंकि महिलाएं उसी समय पारण करती हैं। पारंपरिक मान्यता के अनुसार यदि चंद्रमा समय पर नहीं दिखता है तो व्रत अधूरा माना जाता है।
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चांद देखने का सही समय कैसे पता करें?
- स्थानीय पंचांग देखें:
दोस्तों , सबसे आसान और सही तरीका यह है कि आप अपने शहर का पंचांग देखें। हर शहर के लिए चंद्रमा का उदय अलग समय पर होता है। ऑनलाइन पंचांग या मोबाइल एप्लिकेशन से भी आप अपने शहर का चंद्रमा उदय समय जान सकते हैं। - सूर्यास्त और चंद्रमा उदय का अंतर
करवा चौथ का व्रत सूर्योदय से शुरू होकर चांद निकलने तक रहता है। इसलिए चांद देखने से पहले सूर्यास्त का समय और चंद्रमा के उदय का समय ध्यान रखना जरूरी है। आमतौर पर चंद्रमा सूर्यास्त के 15-30 मिनट बाद निकलता है। - नक्षत्र और राशि की स्थिति
कुछ लोग नक्षत्र और राशि की स्थिति के हिसाब से भी चांद देखने का समय निर्धारित करते हैं। यह ज्योतिषीय दृष्टि से शुभ माना जाता है। विशेष रूप से करवा चौथ के दिन “वृश्चिक” और “धनु” नक्षत्र का प्रभाव चंद्रमा की पूजा में महत्व रखता है।
चांद दिखते ही क्या करें?
दोस्तों , आप तो जानते है कि चांद दिखते ही महिलाएं अपने व्रत की समाप्ति करती हैं। इस समय उन्हें पति की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए विशेष मंत्रों का जाप करना चाहिए। आमतौर पर इस समय यह प्रथा होती है कि महिलाएं चांद को देखकर करवा चौथ की आरती करती हैं और फिर पानी या दूध से चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं। इसके बाद पति से जल ग्रहण कर व्रत खोलती हैं।
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करवा चौथ की आरती:
करवा चौथ की आरती का समय चांद को देखने के तुरंत बाद होता है। इसमें महिलाएं मिट्टी या तांबे के लोटे में पानी भरकर, दीपक और फूलों के साथ चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं। इसके बाद पति की लंबी उम्र की कामना करते हुए व्रत खोलती हैं।
आरती का सरल पाठ:
“ओम चंद्रमाः स्वाहा, मेरे घर के सुख-समृद्धि के लिए आशीर्वाद दें। मेरे पति की लंबी उम्र और खुशहाली बनाए रखें।”
इस आरती के साथ दीपक जलाकर और मिठाई अर्पित करके व्रत खोलना शुभ माना जाता है।
निष्कर्ष: करवा चौथ पर चांद देखने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?
करवा चौथ पर चांद देखने का सही समय जानना बेहद जरूरी है, ताकि व्रत सही तरीके से पूरा हो। पंचांग का सहारा लेकर और चंद्रमा के उदय का ध्यान रखकर महिलाएं श्रद्धा और भक्ति के साथ व्रत समाप्त कर सकती हैं। तो दोस्तों कैसा लगा आपको यह आर्टिकल अगर अच्छा लगा हो तो आप हमे कमेन्ट बॉक्स मे जरूर बताएं और साथ ही अपने दोस्तों को जरूर शेयर करें।


