करवा चौथ पर मेहंदी क्यों लगाते हैं? करवा चौथ भारत के सबसे पवित्र और लोकप्रिय त्योहारों में से एक है। खासकर उत्तर भारत में यह पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। सुहागिन महिलाएं इस दिन अपने पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्रत रखती हैं। लेकिन इस दिन सिर्फ व्रत ही नहीं रखा जाता, बल्कि सजने-संवरने, पूजा करने और मेहंदी लगाने का भी खास महत्व होता है। यही सवाल हर किसी के मन में आता है कि करवा चौथ पर मेहंदी क्यों लगाते हैं? क्या ये सिर्फ सजने-संवरने का हिस्सा है या इसके पीछे कोई गहरी वजह है? आइए इसे एक दोस्ताना अंदाज में विस्तार से समझते हैं।
करवा चौथ पर मेहंदी क्यों लगाते हैं?
| सवाल | जवाब |
|---|---|
| करवा चौथ पर मेहंदी क्यों लगाते हैं? | मेहंदी को सुहाग और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है। |
| मेहंदी का रंग गहरा होने का क्या अर्थ है? | यह पति के प्यार और लंबी उम्र का संकेत माना जाता है। |
| करवा चौथ पर मेहंदी कब लगाई जाती है? | व्रत से एक दिन पहले या उसी दिन सुबह। |
| शादीशुदा महिलाएं ही मेहंदी क्यों लगाती हैं? | क्योंकि इसे सुहागिन का श्रृंगार माना गया है। |
| करवा चौथ पर मेहंदी का धार्मिक महत्व क्या है? | यह पति की लंबी उम्र और दांपत्य जीवन की सुख-शांति के लिए लगाई जाती है। |

1. मेहंदी लगाने का धार्मिक महत्व क्या है?
करवा चौथ के मौके पर मेहंदी को सिर्फ एक सजावटी चीज़ नहीं माना जाता, बल्कि इसे शुभता और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि हाथों और पैरों पर मेहंदी लगाने से बुरी नजर दूर होती है और घर-परिवार में खुशियां बनी रहती हैं। सुहागिन महिलाएं जब मेहंदी लगाती हैं तो उसे उनके पति की लंबी उम्र और वैवाहिक सुख-समृद्धि से जोड़ा जाता है। इसलिए करवा चौथ जैसे पर्व पर मेहंदी लगाना परंपरा बन चुकी है।
2. मेहंदी और पति के स्वास्थ्य का संबंध
आपने अक्सर सुना होगा कि करवा चौथ पर मेहंदी का रंग जितना गहरा चढ़ता है, उतना ही पति अपनी पत्नी से प्यार करता है। यह कहावत सिर्फ रोमांटिक सोच नहीं है, बल्कि इसके पीछे साइंटिफिक वजह भी है। मेहंदी का लेप शरीर को ठंडक पहुंचाता है, जिससे तनाव कम होता है और दिमाग शांत रहता है। जब महिला पूरे दिन का व्रत करती है, तब मेहंदी उसकी बॉडी को रिलैक्स करती है और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाती है। यानी ये सीधा-सीधा उसके स्वास्थ्य से जुड़ा है। और जब पत्नी स्वस्थ रहेगी तो उसका असर पति के जीवन और रिश्ते पर भी पड़ेगा।
3. सुहाग का प्रतीक
भारतीय परंपरा में सुहागन महिलाओं के 16 श्रृंगार बताए गए हैं। इन श्रृंगारों में मेहंदी का भी खास स्थान है। करवा चौथ पर जब महिलाएं तैयार होती हैं, तो वे मेहंदी, सिंदूर, बिंदी, चूड़ा और साड़ी जैसे पारंपरिक श्रृंगार करती हैं। इन सबका मकसद यही होता है कि महिला अपने पति की लंबी उम्र और रिश्ते की मजबूती के लिए ईश्वर से प्रार्थना करे। इसलिए मेहंदी को सुहाग का प्रतीक मानते हुए इसे करवा चौथ का अहम हिस्सा बनाया गया है।
4. रंग और रिश्तों का कनेक्शन
मेहंदी का रंग सिर्फ हाथों को खूबसूरत नहीं बनाता, बल्कि यह रिश्तों की गहराई को भी दर्शाता है। करवा चौथ पर महिलाएं जब मेहंदी लगाती हैं तो वे मन ही मन ये कामना करती हैं कि उनका रिश्ता उतना ही गहरा और मजबूत हो जितना मेहंदी का रंग। यही कारण है कि गहरी लाल-भूरी मेहंदी को रिश्तों की मजबूती और पति-पत्नी के बीच प्यार का प्रतीक माना जाता है।

5. मेहंदी और मानसिक सुकून
करवा चौथ का व्रत आसान नहीं होता। पूरे दिन भूखे-प्यासे रहना, तैयारियां करना और पूजा करना महिला के लिए थकाऊ हो सकता है। ऐसे में मेहंदी लगाने का एक मनोवैज्ञानिक फायदा भी है। जब महिलाएं आपस में बैठकर मेहंदी लगाती हैं, तो वह समय उनके लिए खुशी और उत्साह से भरा होता है। यह उन्हें मानसिक सुकून देता है और व्रत को और खास बना देता है।
करवा चौथ और मेहंदी से जुड़े 5 रोचक फैक्ट्स
- मेहंदी का इस्तेमाल भारत में 5000 सालों से हो रहा है और इसे शुभ कार्यों में सबसे पहले चुना जाता था।
- पुराने जमाने में मेहंदी को औषधि के रूप में भी प्रयोग किया जाता था, खासकर घाव भरने और शरीर को ठंडा रखने के लिए।
- राजस्थान और पंजाब में करवा चौथ पर मेहंदी को ‘शगुन’ का हिस्सा माना जाता है और बिना मेहंदी के व्रत अधूरा समझा जाता है।
- कई जगहों पर यह मान्यता है कि मेहंदी का गहरा रंग न सिर्फ पति से, बल्कि सास से भी अच्छे रिश्ते का संकेत होता है।
- वैज्ञानिक तौर पर भी मेहंदी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल प्रॉपर्टीज पाई जाती हैं, जो त्वचा की सेहत के लिए फायदेमंद हैं।
करवा चौथ पर मेहंदी क्यों लगाते हैं – लोगों के सवाल
Q1. क्या मेहंदी लगाना करवा चौथ पर जरूरी है?
Ans: हां, यह परंपरा का अहम हिस्सा है। बिना मेहंदी के करवा चौथ का श्रृंगार अधूरा माना जाता है।
Q2. अगर मेहंदी का रंग हल्का आए तो क्या इसका असर रिश्तों पर पड़ता है?
Ans: बिल्कुल नहीं। यह सिर्फ एक मान्यता है। रिश्तों की मजबूती प्यार और विश्वास पर टिकती है, न कि रंग की गहराई पर।
Q3. क्या मेहंदी सिर्फ सजने-संवरने के लिए होती है?
Ans: नहीं, मेहंदी शरीर को ठंडक देती है और तनाव कम करती है। इसलिए इसे औषधीय दृष्टिकोण से भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।
निष्कर्ष: करवा चौथ पर मेहंदी क्यों लगाते हैं?
तो अब आपको साफ हो गया होगा कि करवा चौथ पर मेहंदी क्यों लगाते हैं। यह सिर्फ हाथों को सुंदर बनाने की चीज़ नहीं है, बल्कि इसका धार्मिक, वैज्ञानिक और भावनात्मक महत्व भी है। मेहंदी रिश्तों को और गहरा बनाती है, महिलाओं को मानसिक सुकून देती है और इस पर्व की खूबसूरती को कई गुना बढ़ा देती है। यही वजह है कि करवा चौथ पर मेहंदी लगाना हर सुहागिन महिला के लिए खास होता है।



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