हनुमान जी का प्रिय पेड़ कौन सा है?

जब भी बात भगवान हनुमान जी की होती है, तो मन में उनके साहस, भक्ति और शक्ति का चित्र सामने आ जाता है। वे न केवल श्रीराम के सबसे बड़े भक्त हैं,आज भी भक्तों के दुःख हरने वाले, संकटमोचक कहे जाते हैं।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हनुमान जी का प्रिय पेड़ कौन सा है?
कई लोग इस सवाल को इसलिए जानना चाहते हैं ताकि पूजा या व्रत के समय उस पेड़ की पूजा कर सकें, या उसके नीचे दीपक जलाकर हनुमान जी की कृपा पा सकें।कि हनुमान जी का प्रिय पेड़ कौन है, उसका धार्मिक महत्व क्या है और उससे जुड़े कुछ रोचक तथ्य

हनुमान जी का प्रिय पेड़ कौन सा है?
हनुमान जी का प्रिय पेड़ कौन सा है?

हनुमान जी का प्रिय पेड़ पीपल का पेड़?

अगर संक्षेप में कहें तो
हनुमान जी का सबसे प्रिय पेड़ “पीपल का पेड़” है।

यह बात सिर्फ मान्यता नहीं है, बल्कि कई धार्मिक ग्रंथों और पुराणों में भी पीपल वृक्ष को हनुमान जी से विशेष रूप से जोड़ा गया है।
पीपल का पेड़ भारत में हजारों वर्षों से पूजनीय रहा है। कहा जाता है कि इस पेड़ में त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों का वास होता है।
इसीलिए जब कोई व्यक्ति पीपल के पेड़ की पूजा करता है, तो वह हनुमान जी समेत तीनों देवताओं को प्रसन्न करता है।

क्यों पीपल का पेड़ हनुमान जी को प्रिय है?

अब सवाल उठता है कि आखिर हनुमान जी का प्रिय पेड़ पीपल ही क्यों है?
इसके पीछे कई धार्मिक और आध्यात्मिक कारण बताए गए हैं।

पहला कारण यह है कि पीपल का पेड़ अमरता और जीवन ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। जैसे हनुमान जी स्वयं अमर हैं, वैसे ही पीपल का पेड़ भी सदियों तक हरा-भरा रहता है।
शास्त्रों में कहा गया है कि जिस तरह हनुमान जी कभी वृद्ध नहीं होते, वैसे ही पीपल वृक्ष कभी सूखता नहीं। यही समानता दोनों को जोड़ती है।

दूसरा कारण यह है कि पीपल पेड़ प्राणवायु (ऑक्सीजन) छोड़ता है। धार्मिक रूप से इसे “जीवंत पेड़” कहा गया है क्योंकि यह दिन और रात, दोनों समय ऑक्सीजन देता है। हनुमान जी “प्राणों के देवता” कहे जाते हैं, इसलिए यह वृक्ष उनके स्वभाव और शक्ति से मेल खाता है।

तीसरा कारण यह भी बताया जाता है कि जब हनुमान जी रामभक्तों के संकट दूर करने आते हैं, तो उनका वास पीपल के वृक्षों के पास माना जाता है।
इसलिए कहा गया है कि जो व्यक्ति मंगलवार या शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाता है, हनुमान चालीसा पढ़ता है, उसके सभी संकट धीरे-धीरे समाप्त हो जाते हैं।

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हनुमान जी और पीपल की पूजा का संबंध?

धार्मिक ग्रंथों में कई जगह हनुमान जी और पीपल की पूजा को साथ करने की परंपरा बताई गई है।
कहते हैं कि जब कोई व्यक्ति मंगलवार के दिन हनुमान मंदिर जाता है, तो उसे घर लौटने से पहले पीपल के पेड़ की सात बार परिक्रमा जरूर करनी चाहिए।
इससे हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

साथ ही, यह भी कहा गया है कि पीपल का पेड़ उस व्यक्ति की मनोकामना पूरी करता है जो सच्चे दिल से हनुमान जी की भक्ति करता है।
इसलिए कई जगह भक्त हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर करते हैं, ताकि उनकी वाणी और मन दोनों हनुमान जी के आशीर्वाद से जुड़ जाएं।

हनुमान जी का दूसरा प्रिय पेड़ बेल का पेड़?

हालाँकि पीपल वृक्ष को सबसे प्रिय माना गया है, लेकिन बेल वृक्ष (बिल्व वृक्ष) भी हनुमान जी से जुड़ा हुआ है।
बेल का वृक्ष भगवान शिव को प्रिय होता है, और चूँकि हनुमान जी भगवान शिव के ही अवतार माने जाते हैं, इसलिए बेल का पेड़ भी हनुमान जी को बहुत प्रिय है।

कई भक्त मंगलवार या शनिवार को बेल के पत्तों से हनुमान जी को चोला चढ़ाते हैं या पूजा में उसका प्रयोग करते हैं।
ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में शांति और सफलता आती है।

पीपल वृक्ष के नीचे पूजा कैसे करें?

अब जब यह स्पष्ट हो गया कि हनुमान जी का प्रिय पेड़ पीपल है, तो चलिए यह भी जानते हैं कि उसकी पूजा करने का सही तरीका क्या है।

  1. मंगलवार या शनिवार के दिन सूर्योदय के बाद पीपल के पेड़ के नीचे जाएं।
  2. वहां जल से पेड़ की जड़ में अर्घ्य दें।
  3. एक छोटा दीपक जलाएं (अगर संभव हो तो सरसों के तेल का)।
  4. “ॐ नमो हनुमते नमः” या “हनुमान चालीसा” का पाठ करें।
  5. अंत में सात बार परिक्रमा करें और प्रणाम करें।

ऐसा करने से हनुमान जी के साथ-साथ त्रिदेव की कृपा भी मिलती है।
यह पूजा मन की शांति, भय से मुक्ति और जीवन में सकारात्मकता लाने में मदद करती है।

पीपल के पेड़ का वैज्ञानिक महत्व?

अगर धार्मिक दृष्टि से देखें तो पीपल हनुमान जी का प्रिय पेड़ है, लेकिन अगर वैज्ञानिक दृष्टि से देखें, तो इसके पीछे गहरी वजहें हैं।
पीपल का पेड़ दिन-रात ऑक्सीजन छोड़ता है। यह हवा को शुद्ध करता है और आसपास का वातावरण शांत बनाता है।
इसीलिए पुराने जमाने में मंदिरों या गाँवों में पीपल का पेड़ लगाना शुभ माना जाता था।

यह भी माना जाता है कि पीपल वृक्ष के नीचे बैठने से मन शांत होता है, तनाव कम होता है और ध्यान लगाने में सहायता मिलती है।
कई संत-महात्मा इसलिए पीपल वृक्ष के नीचे साधना किया करते थे।

“हनुमान जी का प्रिय पेड़ कौन सा है?” इसका भक्ति में महत्व?

अब जब हमें पता चल गया कि हनुमान जी को पीपल का पेड़ प्रिय है, तो इसका भक्ति में क्या महत्व है?
इसका अर्थ यह है कि अगर आप सच्चे मन से हनुमान जी की भक्ति करना चाहते हैं, तो पीपल के पेड़ को भी उनके रूप में पूजें।
जैसे आप हनुमान मंदिर जाते हैं, वैसे ही पीपल वृक्ष को नमस्कार करें, दीपक जलाएं, जल चढ़ाएं।

यह मान्यता है कि ऐसा करने से हनुमान जी जल्दी प्रसन्न होते हैं, और आपके जीवन के संकट कम होते हैं।
कई भक्त अपने घर के पास पीपल का पेड़ लगाते हैं ताकि घर में हमेशा सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे और संकट दूर रहें।

हनुमान जी का प्रिय पेड़ और उनके प्रतीकात्मक अर्थ

पीपल वृक्ष और हनुमान जी का संबंध सिर्फ भक्ति का नहीं, बल्कि जीवन दर्शन का भी प्रतीक है।
पीपल वृक्ष कभी सूखता नहीं, उसकी जड़ें हमेशा मजबूत रहती हैं।
इसी तरह हनुमान जी का संदेश है – “मनुष्य को भी अपनी जड़ों यानी अपने संस्कारों को मजबूत रखना चाहिए।”

हनुमान जी भक्ति, साहस और विनम्रता के प्रतीक हैं।
पीपल वृक्ष स्थिरता, दीर्घायु और जीवन ऊर्जा का प्रतीक है।
इसलिए जब दोनों को साथ देखा जाता है, तो यह संयोजन भक्ति और शक्ति का संगम बन जाता है।

हनुमान जी के प्रिय पेड़ से जुड़े 5 रोचक तथ्य

  1. हनुमान जी का प्रिय पेड़ पीपल है, लेकिन उन्हें बेल वृक्ष भी प्रिय माना गया है क्योंकि वे शिव के अवतार हैं।
  2. पीपल का पेड़ रात में भी ऑक्सीजन छोड़ता है, इसलिए इसे “जीवित पेड़” कहा गया है।
  3. पुराने समय में हनुमान मंदिर हमेशा पीपल वृक्ष के पास बनाए जाते थे।
  4. कहा जाता है कि मंगलवार को पीपल वृक्ष के नीचे दीपक जलाने से जीवन के सारे संकट दूर हो जाते हैं।
  5. गुरु ग्रह (बृहस्पति) और शनि दोनों को शांत करने में भी पीपल वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व है।

निष्कर्ष : हनुमान जी का प्रिय पेड़ कौन सा है?

तो अब आपको स्पष्ट रूप से पता चल गया होगा कि हनुमान जी का प्रिय पेड़ पीपल का पेड़ है।
यह न केवल धार्मिक दृष्टि से पवित्र है, बल्कि वैज्ञानिक रूप से भी अत्यंत उपयोगी है।
हनुमान जी की तरह यह पेड़ भी हमें सिखाता है। हमेशा स्थिर रहो, भक्ति में डटे रहो, और हर हाल में दूसरों को जीवन दो।

अगर आप मंगलवार या शनिवार को हनुमान जी की पूजा करते हैं, तो उसी दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं, थोड़ा जल चढ़ाएं और मन ही मन “हनुमान चालीसा” का पाठ करें।
आप देखेंगे कि धीरे-धीरे आपके जीवन की बाधाएँ कम होने लगेंगी और मन में एक अनोखी शांति बनी रहेगी। हनुमान जी का आशीर्वाद पाने का यह सबसे सरल और सच्चा तरीका है।

2 thoughts on “हनुमान जी का प्रिय पेड़ कौन सा है?”

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