दीवाली का त्योहार सिर्फ पूजा और मिठाईयों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इस दिन का असली आकर्षण होती है घर की सजावट। जब घर दीपों की रोशनी से जगमगाता है, दरवाज़े पर रंगोली खिल उठती है और हवा में खुशबू फैली होती है, तभी लगता है कि असली दीवाली आई है। दीवाली की सजावट कैसे करें? पूरी जानकारी अक्सर आप सोचते होंगे कि दीवाली पर घर कैसे सजाएँ ताकि देखने वाले वाह-वाह कर उठें और आपको भी संतुष्टि मिले। असल में दीवाली सजावट उतनी मुश्किल नहीं होती, जितना लगता है। थोड़ी-सी क्रिएटिविटी, सही प्लानिंग और कुछ छोटे-छोटे आइडियाज आपके घर को मंदिर जैसा पवित्र और शादी जैसा खूबसूरत बना सकते हैं।
दीवाली की सफाई से शुरुआत क्यों ज़रूरी है?
आपने भी सुना होगा कि लक्ष्मी माता साफ-सुथरे घर में ही आती हैं। इसलिए दीवाली सजावट की शुरुआत हमेशा सफाई से करें। घर के कोनों में जमा धूल, फालतू सामान और टूटे-फूटे सामान को हटा दें। यह सिर्फ दिखावे के लिए नहीं बल्कि पॉज़िटिव एनर्जी लाने का एक तरीका है। जब घर साफ होता है तो उसमें सजावट भी और ज्यादा निखरकर सामने आती है।

सफाई करते समय खासकर ड्राइंग रूम, किचन और पूजा घर को प्राथमिकता दें क्योंकि यही वे जगहें हैं जहां मेहमानों की नज़र सबसे पहले जाती है। चाहें तो आप दीवाली के ठीक एक हफ्ते पहले से सफाई का शेड्यूल बना लें ताकि त्योहार के दिन तक घर एकदम चमकता हुआ नज़र आए।
दीयों और लाइटिंग का जादू?
दीवाली को प्रकाश पर्व कहा जाता है। इसलिए सजावट की असली जान होती है लाइटिंग। आप चाहें तो बिजली की लड़ियाँ, LED स्ट्रिप्स, फेयरी लाइट्स और फ्लोर लैंप का इस्तेमाल कर सकते हैं। खिड़कियों और बालकनी में लाइट्स लगाने से पूरा घर बाहर से ही चमक उठता है।
लेकिन सबसे खास होता है दीयों का इस्तेमाल। मिट्टी के दीये परंपरा और आधुनिकता दोनों का संगम हैं। आप इन्हें रंग-बिरंगे पेंट से सजा सकते हैं और घर के हर कोने में रख सकते हैं। खासकर पूजा घर और दरवाज़े पर दीये ज़रूर जलाएँ। इससे न केवल रोशनी होती है बल्कि घर में एक अलग-सी शांति और पवित्रता का माहौल भी बनता है।
रंगोली से सजावट का असली रंग?
दीवाली पर रंगोली बनाना शुभ माना जाता है। यह मेहमानों का स्वागत करने का सबसे सुंदर तरीका है। आप चाहे तो फूलों की पंखुड़ियों, रंग-बिरंगे पाउडर या फिर आधुनिक स्टिकर रंगोली का इस्तेमाल कर सकते हैं।
यह भी जानें – दीवाली पर लक्ष्मी पूजा क्यों होती है?
फूलों की रंगोली बनाने से घर में प्राकृतिक खुशबू भी फैलेगी और माहौल और ताज़गी भरा लगेगा। कई लोग रंगोली के बीच में दीये भी जलाते हैं, जिससे उसका आकर्षण दोगुना हो जाता है। अगर आपको रंगोली बनानी नहीं आती तो इंटरनेट पर कई आसान डिज़ाइन मिल जाएँगे, जिन्हें देखकर आप कुछ मिनटों में शानदार रंगोली बना सकते हैं।
पूजा घर की सजावट?
दीवाली का असली केंद्र होता है पूजा घर, जहाँ लक्ष्मी-गणेश की पूजा की जाती है। इसलिए इसे सजाना सबसे अहम है। पूजा घर को पहले अच्छे से साफ करें और फिर उसे फूलों, आम्रपल्लव (आम के पत्ते), केले के पत्ते और रंग-बिरंगे कपड़ों से सजाएँ।
लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों को नए कपड़े पहनाएँ और उनके सामने सुंदर आसन पर रखें। चारों ओर दीये जलाएँ और अगरबत्ती या धूप से माहौल सुगंधित करें। चाहें तो पूजा घर के पीछे एक सुंदर वॉल हैंगिंग या टॉरन भी लगा सकते हैं।
ड्राइंग रूम और एंट्रेंस की सजावट?
दीवाली पर सबसे पहले मेहमान आपके ड्राइंग रूम और एंट्रेंस को देखते हैं। इसलिए इसे आकर्षक बनाना बेहद ज़रूरी है। दरवाज़े पर बंदनवार (तोरण) लगाएँ, जो आम या अशोक के पत्तों से भी बनाया जा सकता है।
ड्राइंग रूम में कुशन कवर और पर्दों को चमकदार या फेस्टिव थीम वाले बदलें। टेबल पर सुंदर सेंटरपीस रखें, जिसमें मोमबत्तियाँ या फ्लोटिंग कैंडल्स हों। अगर जगह हो तो गमलों में छोटे पौधे और फूल रखें, इससे ताज़गी भी रहेगी और सजावट भी।
दीवाली सजावट में छोटे-छोटे क्रिएटिव आइडियाज?
अब बात करते हैं उन छोटे-छोटे आइडियाज की जो आपकी सजावट को और भी यूनिक बना सकते हैं।
- काँच की बोतलों में फेयरी लाइट डालकर उन्हें लैंप की तरह इस्तेमाल करें।
- पुराने दीयों को पेंट करके नया रूप दें।
- पेपर लालटेन और कैंडल होल्डर से घर को अलग स्टाइल दें।
- फ्लोटिंग कैंडल्स को पानी से भरे कटोरे में डालें और उसमें फूलों की पंखुड़ियाँ भी रखें।
- दीवारों पर वॉल डेकल्स या आर्ट लगाकर फेस्टिव टच दें।
दीवाली सजावट में ध्यान रखने वाली बातें?
सजावट करते समय ध्यान रखें कि बहुत ज्यादा चीज़ें भरकर घर को अव्यवस्थित न बना दें। सादगी और संतुलन हमेशा खूबसूरत लगता है। इसके अलावा, बिजली की लाइट्स लगाते समय सुरक्षा का ध्यान रखें और दीयों को ऐसी जगह जलाएँ जहाँ बच्चों और पालतू जानवरों की पहुँच न हो।5 रोचक फैक्ट्स दीवाली सजावट से जुड़े?
- दीयों को जलाना सिर्फ रोशनी के लिए नहीं, बल्कि माना जाता है कि इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
- रंगोली बनाने की परंपरा लगभग 5000 साल पुरानी है और इसे आलपना या कोलम भी कहा जाता है।
- पुराने समय में लोग दीवाली पर गोबर से घर लीपते थे क्योंकि यह कीटाणुनाशक होता है।
- पूजा घर में केले के पत्ते लगाने की परंपरा इसलिए है क्योंकि इसे शुभ और स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है।
- फेयरी लाइट्स और इलेक्ट्रिक डेकोरेशन का ट्रेंड असल में पश्चिम से आया, लेकिन अब यह भारतीय त्योहारों का हिस्सा बन गया है।

निष्कर्ष:दीवाली की सजावट कैसे करें? पूरी जानकारी
दीवाली की सजावट सिर्फ घर को सुंदर बनाने का तरीका नहीं है बल्कि यह सकारात्मकता, पवित्रता और खुशियों का प्रतीक भी है। जब आप अपने घर को दीयों की रोशनी, रंगोली की रंगत और फूलों की खुशबू से सजाते हैं तो असल में आप सिर्फ दीवारों और कमरों को नहीं बल्कि अपने जीवन को भी रोशन कर रहे होते हैं। याद रखिए, सजावट का असली मज़ा तभी है जब उसमें आपका प्यार और अपनी सोच झलकती हो। इसलिए इस दीवाली कुछ नया ट्राई कीजिए, क्रिएटिव आइडियाज अपनाइए और अपने घर को ऐसा सजाइए कि देखने वाले बस यही कहें – “वाह, क्या रोशनी है



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