धनतेरस पूजा विधि – घर पर सही तरीके से धनतेरस मनाने का गाइड धनतेरस, दिवाली का पहला और सबसे शुभ दिन माना जाता है। इसे धन की देवी – धनलक्ष्मी और कुबेर, धन के देवता की पूजा के लिए समर्पित किया जाता है। इस दिन सोना, चाँदी, नए बर्तन या निवेश के साधन खरीदना भी शुभ माना जाता है। धनतेरस पर की जाने वाली पूजा से न सिर्फ समृद्धि आती है बल्कि घर में सुख-शांति और खुशहाली भी बनी रहती है।
इस लेख में हम धनतेरस पूजा विधि, समय, और आवश्यक सामग्री को विस्तार से जानेंगे।

1. धनतेरस पूजा का समय
धनतेरस पूजा अमृतकाल और संध्यकाल में करने की परंपरा है।
- तिथि: धनतेरस अमावस्या से 2 दिन पहले आती है।
- मुहूर्त: सुबह 6:30 बजे से लेकर 10:30 बजे तक और शाम 5:00 बजे से लेकर 7:00 बजे तक पूजा करने का विशेष महत्व
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2. धनतेरस पूजा की सामग्री
धनतेरस पूजा के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है:
- सोने या चाँदी का छोटा बर्तन, सिक्के या आभूषण
- पूजा थाली
- दीपक और धूप
- हल्दी, रोली (कुमकुम)
- फूल और अक्षत (चावल)
- मिठाई और फल
- कुंकुम, कपूर, अगरबत्ती
- लाल वस्त्र या कपड़ा
टिप: यदि सोना या चाँदी उपलब्ध नहीं है, तो घर में पुराने बर्तन या छोटे मनी बक्से का भी उपयोग किया जा सकता है।
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3. धनतेरस पूजा की विधि
धनतेरस पूजा विधि को चरणों में इस प्रकार किया जाता है:
चरण 1: पूजा स्थल की तैयारी
- घर के साफ और शांत स्थान पर पूजा स्थल तैयार करें।
- जमीन पर लाल कपड़ा बिछाएं और उसके ऊपर पूजा थाली रखें।
- दीपक, फूल, मिठाई और अन्य सामग्री सजाएँ।
चरण 2: भगवान कुबेर और देवी लक्ष्मी का आह्वान
- पूजा की शुरुआत स्नान और शुद्धि से करें।
- भगवान कुबेर और देवी लक्ष्मी की प्रतिमा या तस्वीर पूजा स्थल पर रखें।
- थाली में सिक्के और आभूषण रखें।
चरण 3: पूजा मंत्र और आरती
- ध्यान और प्रार्थना करें।
- देवी लक्ष्मी और कुबेर के निम्नलिखित मंत्र का जाप करें:
- “ॐ श्री महालक्ष्म्यै नमः”
- “ॐ श्री कुबेराय नमः”
- दीपक जलाएँ और अगरबत्ती फूंके।
चरण 4: वस्त्र और सामग्री का पूजन
- सोने/चाँदी के बर्तन या आभूषण को हल्दी और रोली से अभिषेक करें।
- फूल और अक्षत अर्पित करें।
- मिठाई और फल भी देवी को भेंट करें।
चरण 5: धनतेरस आरती
- सभी उपस्थित लोग लक्ष्मी जी और कुबेर जी की आरती करें।
- आरती के दौरान परिवार के सदस्यों की भलाई और समृद्धि की कामना करें।
चरण 6: प्रसाद वितरण
- पूजा के बाद मिठाई और फल परिवार और दोस्तों में वितरित करें।
- पूजा में उपयोग हुई सामग्री को सम्मान के साथ संभाल कर रखें।
4. धनतेरस पर और ध्यान देने योग्य बातें
- साफ-सफाई: पूजा स्थल और घर का पूरा सफाई रखना शुभ माना जाता है।
- नई खरीदारी: धनतेरस पर सोना, चाँदी या नए बर्तन खरीदना शुभ होता है।
- सकारात्मक ऊर्जा: पूजा के समय घर के सभी सदस्य सकारात्मक विचार रखें।
- दान-पुण्य: जरूरतमंदों को दान देना भी धनलक्ष्मी को प्रसन्न करता है।
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5. धनतेरस के लाभ
धनतेरस पूजा करने से:
- घर में धन-संपत्ति की वृद्धि होती है।
- परिवार में सुख-शांति और सद्भाव बना रहता है।
- आर्थिक कठिनाइयों में राहत मिलती है।
- समृद्धि और खुशहाली के द्वार खुलते हैं।

निष्कर्ष धनतेरस पूजा विधि – घर पर सही तरीके से धनतेरस मनाने का गाइड
धनतेरस पूजा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह घर में समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा लाने का माध्यम है। सही समय और विधि से पूजा करने पर यह आपके जीवन में खुशहाली, आर्थिक स्थिरता और परिवारिक सुख लेकर आता है।
ध्यान रहे कि पूजा का मुख्य उद्देश्य भक्ति, श्रद्धा और सकारात्मक ऊर्जा है, और इसे मन और आत्मा की शुद्धि के साथ करना चाहिए।


