भैया दूज का शुभ मुहूर्त कितने बजे से कितने बजे तक है?

भैया दूज का शुभ मुहूर्त कितने बजे से कितने बजे तक है?: प्रणाम दोस्तों , जैसा कि आप जानते है कि भैया दूज भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का त्योहार है, जो हर साल दिवाली के दो दिन बाद मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हैं और भाई अपनी बहन को हमेशा सुरक्षा और प्यार देने का वचन देता है। मान्यता है कि इस दिन यमराज अपनी बहन यमुनाजी से मिलने आए थे और तभी से यह परंपरा शुरू हुई। इसी कारण इसे यम द्वितीया भी कहा जाता है।

अब अगर बात करें शुभ मुहूर्त की तो ज्योतिष अनुसार भैया दूज पर तिलक और पूजा का काम द्वितीया तिथि में ही करना चाहिए। अगर आप सही समय पर पूजा करते हैं तो उसका फल और भी ज्यादा शुभ माना जाता है।

भैया दूज का शुभ मुहूर्त कितने बजे से कितने बजे तक है?
भैया दूज का शुभ मुहूर्त कितने बजे से कितने बजे तक है?

भैया दूज का शुभ मुहूर्त कितने बजे से कितने बजे तक है? – से जुड़े कुछ सवाल

सवालजवाब
भैया दूज 2025 शुभ मुहूर्त कब है2 नवंबर 2025 को
भैया दूज पूजा का समयसुबह 10:45 से दोपहर 1:20 तक
भैया दूज कितने बजे से कितने बजे तक10:45 AM से 1:20 PM तक
भैया दूज पूजा कब हैकार्तिक माह शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर
भैया दूज का महत्व क्या हैभाई की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए
भैया दूज कब मनाया जाएगा23 October 2025 को
भाई दूज की तिथि23 October 2025
भैया दूज का समय 2025सुबह 10:45 से दोपहर 1:20 तक

भैया दूज 2025 का शुभ मुहूर्त

तिथि प्रारंभ – भैया दूज की द्वितीया तिथि 23 October 2025 को सुबह 11:02 बजे से शुरू होगी।

  1. तिथि समाप्त – यह तिथि 23 October 2025 को सुबह 08:49 बजे तक रहेगी।
  2. पूजा का शुभ समय – भाई तिलक और पूजन का सबसे अच्छा समय 23 October 2025 को दोपहर 01:20 बजे से 03:45 बजे तक रहेगा।
  3. यम द्वितीया मुहूर्त – इस अवधि को सबसे ज्यादा शुभ और मंगलकारी माना गया है।

ध्यान रहे कि पूजा का समय स्थान और पंचांग के हिसाब से थोड़ा-बहुत बदल सकता है, इसलिए अपने शहर का स्थानीय पंचांग देखना भी जरूरी है।

भैया दूज का महत्व क्या है?

दोस्तों , आपको बता दें कि भैया दूज सिर्फ भाई-बहन का त्योहार नहीं है बल्कि ये रिश्तों में मिठास और विश्वास बढ़ाने का दिन है। बहनें भाई की आरती उतारकर उसे तिलक करती हैं और भाई बदले में बहन को उपहार और आशीर्वाद देता है। इस दिन यमराज और यमुनाजी की पूजा का भी विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस दिन बहन के हाथों तिलक करवाने से भाई की आयु लंबी होती है और उसके जीवन में कोई अकाल मृत्यु नहीं आती।

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भैया दूज की आरती:

पूजा के समय भाई की आरती करना बहुत शुभ माना जाता है। नीचे दी गई आरती आप इस दिन गा सकते हैं:

भैया दूज आरती

ॐ जय भैया दूज कहो प्यारे,
भाई बहन का संग है न्यारे।
आरती की थाली सजाई,
बहन ने दिल से पूजा कराई।

तिलक करे माथे पर प्यारा,
भाई का जीवन हो उजियारा।
लंबी उम्र और सुख समृद्धि,
भैया को मिले सब सुख वृद्धि।

निष्कर्ष: भैया दूज का शुभ मुहूर्त कितने बजे से कितने बजे तक है?

भैया दूज का त्योहार सिर्फ एक परंपरा नहीं बल्कि भाई-बहन के रिश्ते की गहराई का प्रतीक है। इस दिन शुभ मुहूर्त में पूजा करना बहुत फलदायी माना जाता है। बहन की सच्ची श्रद्धा और भाई का स्नेह मिलकर इस त्योहार को और भी खास बना देते हैं। तो इस बार 2025 में भैया दूज के दिन सही समय पर पूजा करें, अपने रिश्ते में प्यार बढ़ाएं और जीवन को खुशियों से भर दें। तो दोस्तों , कैसा लगा आपको यह जानकारी कैसी लगी तो आप हमे कमेन्ट बॉक्स मे जरूर बताएं और साथ ही अपने दोस्तों को जरूर शेयर करें।

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