भैया दूज का मंत्र क्या है? पूरी जानकारी

अगर आप सोच रहे हैं कि भैया दूज का मंत्र क्या है? पूरी जानकारी तो आपको सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि भैया दूज सिर्फ एक त्योहार नहीं है। यह भाई-बहन के रिश्ते का प्रतीक है, जिसमें भाई की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए बहन विशेष पूजा करती है। इस दिन बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक करती हैं, उन्हें आशीर्वाद देती हैं और मन में अपने भाई की खुशहाली की कामना करती हैं।

भैया दूज का मंत्र क्या है पूरी जानकारी
भैया दूज का मंत्र क्या है पूरी जानकारी

लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि सिर्फ तिलक लगाने और मिठाई देने से ही सब पूरा हो जाता है? नहीं भाई, इस दिन भैया दूज का मंत्र पढ़ना बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यही मंत्र भाई-बहन के बीच आध्यात्मिक बंधन को मजबूत करता है और भाई की लंबी उम्र, सफलता और स्वास्थ्य की कामना करता है।

भैया दूज का महत्व?

भाई दूज हर साल आश्विन मास की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। यह दिन मुख्य रूप से भाई-बहन के रिश्ते को समर्पित होता है। इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र की कामना करती हैं और भाई उन्हें सुरक्षा, प्यार और सहयोग का वचन देता है।

  • भाई का आशीर्वाद: बहन अपने भाई की खुशहाली और सफलता के लिए प्रार्थना करती है।
  • परिवार में सुख-शांति: इस दिन का आयोजन पूरे परिवार में सुख-शांति और मेल-जोल बढ़ाने के लिए किया जाता है।
  • धार्मिक महत्व: यह दिन भगवान यमराज से जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि इस दिन बहन अपने भाई की लंबी उम्र के लिए यमराज से आशीर्वाद मांगती है।

भैया दूज का मंत्र क्या है और कैसे पढ़ें?

भाई दूज का सबसे खास हिस्सा है मंत्र का जाप। यह मंत्र बहन अपने भाई पर तिलक करते समय पढ़ती है। इसका उद्देश्य भाई की लंबी उम्र, स्वास्थ्य और जीवन में खुशहाली की कामना करना होता है।

  1. सबसे पहले एक साफ और पवित्र स्थान चुनें। बहन वहाँ बैठकर भाई के लिए तिलक, रोली, हल्दी और फूल तैयार करे।
  2. भाई को बिठाकर माथे पर तिलक करें।
  3. तिलक करते समय बहन यह मंत्र पढ़ सकती है: “भाईलक्ष्मी भूषण, सखा सुखदायक।
    आयुर्वर्धक, धर्मश्रीकर, भव सुखदायक।”

यह मंत्र पढ़ते समय मन में भाई की लंबी उम्र और खुशहाली की कामना करनी चाहिए। मंत्र का जाप करने से रिश्ते में प्यार और विश्वास बढ़ता है और भाई की सुरक्षा के लिए सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है।

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भैया दूज पर ध्यान देने योग्य बातें?

भाई दूज सिर्फ तिलक और मिठाई तक सीमित नहीं है। अगर आप इसे सही तरीके से मनाना चाहते हैं तो कुछ बातें याद रखें:

  1. समय का महत्व: भैया दूज का शुभ मुहूर्त ध्यान में रखकर ही पूजा करें। सही समय पर पूजा करने से मंत्र का प्रभाव बढ़ता है।
  2. साफ-सफाई: घर और पूजा स्थल पूरी तरह साफ होना चाहिए। यह सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।
  3. भाई की उपस्थिती: भाई को भी पूजा में शामिल होना चाहिए। यह दिन उनके रिश्ते को मजबूत करता है।
  4. संतुलित उपहार: बहन अपने भाई को उपहार देते समय उसकी पसंद और जरूरत का ध्यान रखे। यह भाई-बहन के रिश्ते में मिठास बढ़ाता है।

भैया दूज से जुड़े 5 रोचक तथ्य?

  1. भैया दूज का त्योहार यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन बहनें यमराज से भाई की लंबी उम्र की कामना करती हैं।
  2. कई राज्यों में भैया दूज को अलग-अलग नामों से मनाया जाता है। जैसे: महाराष्ट्र में भाऊ बीज, गुजरात में भैया बीज, बिहार और उत्तर प्रदेश में भाई दूज
  3. इस दिन बहनें भाई को तिलक करने के बाद विशेष भोजन तैयार करती हैं और इसे भाई के साथ साझा करती हैं।
  4. पुरानी मान्यताओं के अनुसार, जो भाई इस दिन बहन के तिलक और मंत्र को स्वीकार करता है, उसे सालभर कोई विपत्ति नहीं आती।
  5. भैया दूज का पर्व सिर्फ भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत नहीं करता, बल्कि परिवार में प्रेम, विश्वास और भाईचारे की भावना भी बढ़ाता है।

निष्कर्ष:भैया दूज का मंत्र क्या है? पूरी जानकारी

अब आप समझ गए होंगे कि भैया दूज का मंत्र क्या है और इसे क्यों पढ़ना इतना जरूरी है। यह सिर्फ धार्मिक कर्मकांड नहीं है, बल्कि भाई-बहन के बीच विश्वास, प्यार और जीवन में खुशहाली की कामना का तरीका है।

भाई दूज मनाते समय मंत्र का जाप, तिलक और भाई के लिए आशीर्वाद देना सबसे महत्वपूर्ण चीज़ है। इसके साथ ही परिवार में प्रेम और सम्मान की भावना भी मजबूत होती है। इसलिए अगले भैया दूज पर इस मंत्र का पालन जरूर करें और अपने भाई को खुशियाँ और सुरक्षा का आशीर्वाद दें।

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