भाई दूज कब है 2025 || पूरी जानकारी

भारत की संस्कृति और परंपराएँ हमेशा से रिश्तों को जोड़ने और उन्हें मजबूत बनाने का काम करती रही हैं। इन्हीं रिश्तों में सबसे खास रिश्ता है भाई-बहन का। भाई-बहन की नोकझोंक, प्यार, तकरार और अपनापन ही घर की असली रौनक होती है। इसी रिश्ते को मनाने के लिए साल भर में कई त्योहार आते हैं। राखी, रक्षाबंधन और दीपावली के बाद भाई दूज।अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि भाई दूज कब है 2025 और इसे कैसे मनाया जाता है?

भाई दूज कब है 2025 – पूरी जानकारी
भाई दूज कब है 2025 || पूरी जानकारी

भाई दूज क्या है?

भाई दूज एक पारंपरिक भारतीय त्योहार है, जिसे खासकर भाई और बहन के रिश्ते को और गहरा बनाने के लिए मनाया जाता है। इसे भाई-बहन का मिलन दिवस भी कहा जा सकता है। जिस तरह राखी पर बहन भाई की कलाई पर धागा बांधकर उसकी लंबी उम्र और खुशहाली की दुआ करती है, उसी तरह भाई दूज पर बहन अपने भाई को तिलक लगाकर उसकी समृद्धि और सुख की कामना करती है।

इस दिन बहन अपने भाई को घर बुलाकर उसे भोजन कराती है, तिलक करती है और भाई बदले में बहन को उपहार देता है। यह त्योहार इसलिए खास है क्योंकि इसमें बहन भाई को अपने घर बुलाती है और तिलक करके उसे अपने आशीर्वाद और स्नेह का अनुभव कराती है।

भाई दूज कब है 2025?

अब आते हैं उस सबसे महत्वपूर्ण सवाल पर जिसका जवाब आप जानना चाहते हैं। भाई दूज कब है 2025 साल 2025 में भाई दूज का पर्व 23 अक्टूबर 2025, गुरुवार को मनाया जाएगा। यह दिन दीपावली के तुरंत बाद आता है। दरअसल, भाई दूज कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। यही कारण है कि दीपावली खत्म होने के बाद भाई-बहन का यह पवित्र मिलन दिवस आता है और पूरे देश में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।

भाई दूज मनाने का तरीका?

भाई दूज का त्योहार भले ही परंपरा से जुड़ा हुआ है, लेकिन इसमें एक अपनापन और भावनाओं की गहराई है। चलिए जानते हैं इसे कैसे मनाया जाता है:

  1. तिलक की परंपरा : बहन अपने भाई को घर बुलाती है और उसके माथे पर चावल और रोली से तिलक लगाती है। यह तिलक सिर्फ एक रस्म नहीं बल्कि भाई की लंबी उम्र और खुशहाली का आशीर्वाद होता है।
  2. भोजन और मिठाइयाँ : तिलक के बाद बहन भाई को तरह-तरह के पकवान और मिठाइयाँ खिलाती है। कई जगहों पर भाई को अपने हाथ से खाना खिलाना भी इस दिन खास माना जाता है।
  3. उपहार का आदान-प्रदान : भाई, बहन को उसकी पसंद का कोई उपहार देता है। यह सिर्फ उपहार नहीं बल्कि भाई के प्यार और जिम्मेदारी का प्रतीक होता है।
  4. स्नेह और अपनापन : सबसे बड़ी बात यह है कि यह दिन भाई-बहन को एक-दूसरे के करीब लाता है। आज के भागदौड़ वाले जीवन में भाई दूज एक ऐसा मौका है, जब भाई और बहन दोनों समय निकालकर साथ बैठते हैं।

भाई दूज का महत्व?

अगर आप सोच रहे हैं कि भाई दूज का इतना महत्व क्यों है, तो इसका जवाब परंपरा और विश्वास दोनों से जुड़ा हुआ है। धार्मिक मान्यता है कि यमराज और यमुनाजी के भाई-बहन के रिश्ते से यह त्योहार शुरू हुआ।

कहा जाता है कि कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन यमराज अपनी बहन यमुनाजी से मिलने उनके घर आए थे। यमुनाजी ने उन्हें तिलक किया और भोजन कराया। इस पर यमराज ने बहन से वचन लिया कि इस दिन हर भाई अपनी बहन से तिलक करवाएगा और उसकी रक्षा का वचन देगा। तभी से भाई दूज का यह पर्व शुरू हुआ। यानी यह सिर्फ भाई-बहन का त्यौहार नहीं, बल्कि सुरक्षा, प्रेम और रिश्ते की मजबूती का प्रतीक है।

भाई दूज 2025 क्यों खास है?

साल 2025 में भाई दूज का महत्व और भी बढ़ जाता है क्योंकि यह पर्व गुरुवार के दिन पड़ रहा है। गुरुवार का दिन स्वयं भगवान विष्णु और बृहस्पति देव को समर्पित है। इस दिन भाई दूज मनाने से भाई की उम्र लंबी होती है और उसके जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

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भाई दूज कब है 2025 देशभर में परंपराएँ

भारत जैसे विशाल देश में हर राज्य की अपनी संस्कृति और परंपरा है। भाई दूज भी अलग-अलग जगहों पर अलग अंदाज़ से मनाया जाता है।

  • उत्तर भारत : यहाँ भाई दूज पर बहन अपने भाई को तिलक करती है और तरह-तरह के पकवान खिलाती है।
  • बंगाल में : इसे “भाई फोटा” कहा जाता है। यहाँ बहन भाई के माथे पर खास तिलक लगाती है और उसके दीर्घायु होने की प्रार्थना करती है।
  • नेपाल में : भाई दूज को “भाई टीका” कहा जाता है। यहाँ तिलक का विशेष महत्व होता है और इसे पाँच रंगों से किया जाता है।

इन अलग-अलग परंपराओं से साफ है कि चाहे तरीका अलग हो, लेकिन भावना एक ही है। भाई-बहन का अटूट प्यार।

भाई दूज 2025 से जुड़े 5 रोचक तथ्य?

  1. भाई दूज को कई जगह “भाऊबीज”, “भाई फोटा” और “भाई टीका” के नाम से भी जाना जाता है।
  2. नेपाल में भाई दूज सबसे बड़े त्योहारों में गिना जाता है और यहाँ पाँच रंगों का तिलक करने की परंपरा है।
  3. पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन यमराज ने अपनी बहन यमुनाजी से वचन लिया था, तभी से यह पर्व शुरू हुआ।
  4. भाई दूज और रक्षाबंधन दोनों भाई-बहन के रिश्ते से जुड़े त्योहार हैं, लेकिन दोनों की रस्में और परंपराएँ अलग-अलग हैं।
  5. साल 2025 में भाई दूज गुरुवार के दिन पड़ रहा है, जो इसे और शुभ बनाता है।

निष्कर्ष:भाई दूज कब है 2025 || पूरी जानकारी

तो भाई, अब आपको साफ समझ आ गया होगा कि भाई दूज कब है 2025 और इसे क्यों इतना खास माना जाता है। यह सिर्फ एक त्योहार नहीं बल्कि भाई-बहन के रिश्ते की गहराई और मजबूती का प्रतीक है। इस दिन बहन अपने भाई को तिलक करके उसकी लंबी उम्र और खुशियों की कामना करती है, और भाई बहन की रक्षा का वचन देता है।

अगर आप 2025 में भाई दूज का पूरा आनंद लेना चाहते हैं, तो इस दिन अपनी बहन या भाई के साथ समय ज़रूर बिताएँ। आखिर त्योहार का असली मज़ा तभी है, जब हम अपने रिश्तों को सहेजें और उन्हें और मजबूत बनाएं।

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