भारत की धरती पर जितने भी धार्मिक और पौराणिक स्थल हैं, उनमें अयोध्या और नैमिषारण्य का महत्व सबसे अलग है। अयोध्या भगवान श्रीराम की जन्मभूमि है, तो नैमिषारण्य को “सर्वतीर्थराज” यानी सभी तीर्थों का राजा कहा गया है। अगर आप इन दोनों जगहों की यात्रा करने का मन बना रहे हैं, तो आपके मन में यह सवाल ज़रूर आया होगा कि अयोध्या से नैमिषारण्य की दूरी कितनी है? तो आप बिल्कुल सही जगह हैं।
आपको अयोध्या से नैमिषारण्य की दूरी, अयोध्या to नैमिषारण्य distance by road, by train, travel time और यात्रा के लिए सर्वश्रेष्ठ मार्ग के बारे में जानना आवश्यक है। इस ब्लॉग में, हम आपको अयोध्या से नैमिषारण्य और नैमिषारण्य से अयोध्या के बीच की दूरी, सड़क मार्ग, यात्रा का समय तथा अन्य महत्वपूर्ण यात्रा जानकारी प्रदान करेंगे ताकि आपकी यात्रा आसान और सुखद बन सके।

अयोध्या से नैमिषारण्य की दूरी कितनी है?
सबसे पहले सीधे मुद्दे पर आते हैं।
- सड़क मार्ग से (by road): अयोध्या से नैमिषारण्य की दूरी लगभग 190 से 200 किलोमीटर है।
- रेल मार्ग से (by train): ट्रेन से यात्रा करने पर दूरी करीब 170 किलोमीटर पड़ती है।
- समय (travel time): अगर आप कार से जाते हैं तो करीब 4 से 5 घंटे का समय लगता है। ट्रेन से जाने पर यह दूरी 3 से 4 घंटे में पूरी हो सकती है।
यानी अयोध्या और नैमिषारण्य आपस में बहुत ज़्यादा दूर नहीं हैं। अगर आप सुबह जल्दी अयोध्या से निकलते हैं तो शाम तक नैमिषारण्य घूमकर वापस भी लौट सकते हैं।
नैमिषारण्य क्यों खास है?
अब यह तो पता चल गया कि दूरी कितनी है, लेकिन ज़रा यह भी समझिए कि नैमिषारण्य इतना खास क्यों है।नैमिषारण्य उत्तर प्रदेश के सीतापुर ज़िले में स्थित है और इसे “नीमसार” या “नैमिषारण्य तीर्थ” भी कहते हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार, यहाँ पर 88,000 ऋषियों ने तपस्या की थी और यहीं से पुराणों की रचना भी हुई थी। यहाँ का सबसे बड़ा आकर्षण है चक्रतीर्थ, जिसे ब्रह्मा जी ने स्वयं प्रकट किया था। अगर आप धार्मिक वातावरण और शांति की तलाश में हैं, तो नैमिषारण्य आपके लिए बिल्कुल सही जगह है।
अयोध्या से नैमिषारण्य पहुँचने के रास्ते?
दोस्त, जब भी कोई यात्रा करनी होती है तो सबसे ज़रूरी होता है सही रास्ते का पता होना। अयोध्या से नैमिषारण्य जाने के लिए आपके पास तीन मुख्य विकल्प हैं:
- सड़क मार्ग (By Road):
आप चाहें तो कार, बस या टैक्सी से सीधे नैमिषारण्य जा सकते हैं। अयोध्या से निकलकर लखनऊ की तरफ जाना होता है और फिर वहाँ से सीतापुर के रास्ते नैमिषारण्य पहुँचा जाता है। रास्ते में हरे-भरे खेत, गाँव और कस्बे देखने को मिलते हैं, जिससे सफर काफी मजेदार हो जाता है। - रेल मार्ग (By Train):
अगर आप ट्रेन से यात्रा करना पसंद करते हैं तो अयोध्या से सीतापुर तक ट्रेन पकड़ सकते हैं। सीतापुर पहुँचने के बाद नैमिषारण्य लगभग 35 किलोमीटर दूर है, जहाँ आप टैक्सी या ऑटो से जा सकते हैं। - वायु मार्ग (By Air):
हालाँकि अयोध्या से नैमिषारण्य के लिए सीधी फ्लाइट सुविधा नहीं है, लेकिन अयोध्या के पास लखनऊ एयरपोर्ट सबसे नज़दीकी विकल्प है। लखनऊ से नैमिषारण्य लगभग 100 किलोमीटर दूर है।
अयोध्या से नैमिषारण्य की दूरी कितनी है? – से जुड़े कुछ सवाल?
| अयोध्या से नैमिषारण्य की दूरी कितनी है? | लगभग 170 किलोमीटर |
| अयोध्या से नैमिषारण्य कैसे जाएं? | बस, ट्रेन और टैक्सी से आसानी से जा सकते हैं |
| नैमिषारण्य का महत्व क्या है? | इसे सर्वतीर्थराज यानी सभी तीर्थों का राजा कहा जाता है |
| नैमिषारण्य जाने का सही समय कब है? | अक्टूबर से मार्च तक सबसे अच्छा समय है |
| अयोध्या से नैमिषारण्य रोड मैप क्या है? | अयोध्या → बाराबंकी → सीतापुर → नैमिषारण्य |
| अयोध्या से नैमिषारण्य बस/ट्रेन रूट कौन-सा है? | लखनऊ और सीतापुर होकर कनेक्टिविटी मिलती है |
अयोध्या से नैमिषारण्य यात्रा क्यों करनी चाहिए?
अगर आप अयोध्या जा रहे हैं, तो नैमिषारण्य की यात्रा मिस नहीं करनी चाहिए। इसकी कुछ वजहें हैं:
- धार्मिक महत्व : दोनों ही जगहें पौराणिक कथाओं और आस्था से जुड़ी हैं।
- प्राकृतिक शांति : नैमिषारण्य का वातावरण बेहद शांत है, जो मन को सुकून देता है।
- आसान दूरी : अयोध्या से नैमिषारण्य पहुँचने में ज्यादा समय नहीं लगता।
- दोनों तीर्थों का संगम : जब आप श्रीराम जन्मभूमि और सर्वतीर्थराज दोनों जगह दर्शन कर लेते हैं, तो यात्रा का अनुभव और भी खास हो जाता है।
नैमिषारण्य में घूमने की जगहें?
जब आप अयोध्या से नैमिषारण्य पहुँचेंगे तो सिर्फ चक्रतीर्थ ही नहीं, बल्कि कई और जगहें हैं जिन्हें देखना ज़रूरी है।
- चक्रतीर्थ : नैमिषारण्य का हृदय स्थल, जहाँ हर श्रद्धालु स्नान करता है।
- ललिता देवी मंदिर : 51 शक्तिपीठों में से एक।
- हनुमान गढ़ी : माना जाता है कि यहाँ भगवान हनुमान ने तपस्या की थी।
- व्यास गद्दी : जहाँ महर्षि व्यास ने वेद-पुराणों की रचना की थी।
- दाधीचि कुंड : ऋषि दधीचि की तपस्थली।
यानी अयोध्या से नैमिषारण्य की दूरी तय करने के बाद आपको यहाँ पर धार्मिक और ऐतिहासिक दोनों तरह का अनुभव मिलेगा।
यह भी जानें – लखनऊ और नैमिषारण्य के बीच की दूरी कितनी है?
यात्रा से जुड़े कुछ टिप्स?
दोस्त, जब भी आप ऐसी धार्मिक यात्रा की तैयारी करते हैं तो कुछ बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है।
- समय का चुनाव : अक्टूबर से मार्च तक का मौसम यहाँ घूमने के लिए सबसे अच्छा होता है।
- सफर की तैयारी : अगर आप सड़क मार्ग से जा रहे हैं तो गाड़ी की स्थिति और पेट्रोल का ध्यान रखें।
- स्थानीय गाइड : पहली बार जाने पर गाइड रखने से आपको हर जगह की जानकारी अच्छे से मिलती है।
- भोजन और पानी : धार्मिक स्थल होने की वजह से यहाँ साधारण भोजन मिलता है, इसलिए ज़रूरत पड़ने पर थोड़ा सामान साथ रखें।
- भीड़ का ध्यान : खासकर पूर्णिमा और अमावस्या को यहाँ भीड़ ज़्यादा होती है।
अयोध्या से नैमिषारण्य की दूरी एक सांस्कृतिक जोड़?
अगर आप गौर करेंगे तो अयोध्या और नैमिषारण्य सिर्फ किलोमीटर की दूरी से जुड़े नहीं हैं, बल्कि यह दोनों स्थल भारतीय संस्कृति और आस्था की गहराई को भी दर्शाते हैं। एक तरफ अयोध्या भगवान श्रीराम के जीवन से जुड़ी है, तो दूसरी तरफ नैमिषारण्य ऋषियों की तपस्थली है। दोनों जगहों की यात्रा करने के बाद ऐसा लगता है जैसे आपने न सिर्फ धार्मिक यात्रा की है बल्कि भारतीय सभ्यता के दो बड़े अध्याय भी पढ़ लिए हैं।

नैमिषारण्य से जुड़े 5 रोचक तथ्य?
- नैमिषारण्य को “नैमिषारण्य तीर्थ” इसलिए कहा जाता है क्योंकि यहाँ पर एक निमिष (पलभर) में देवताओं ने दानवों का नाश किया था।
- यह स्थल 88,000 ऋषियों की तपस्थली माना जाता है।
- चक्रतीर्थ में पानी का स्तर कभी कम या ज़्यादा नहीं होता, चाहे मौसम कैसा भी हो।
- पुराणों की कथाएँ यहीं पर सुनाई और लिखी गईं थीं।
- माना जाता है कि यहाँ स्नान करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और 33 करोड़ देवताओं का आशीर्वाद मिलता है।
निष्कर्ष:अयोध्या से नैमिषारण्य की दूरी कितनी है?
तो दोस्तों, अब आपको पूरी तरह से समझ में आ गया होगा कि अयोध्या से नैमिषारण्य की दूरी कितनी है और इस यात्रा को कैसे प्लान करना चाहिए। हमने इस लेख में ayodhya to naimisharanya distance के सभी पहलुओं को कवर किया है, चाहे वह ayodhya to naimisharanya distance by road हो या distance between ayodhya to naimisharanya की अन्य जानकारी।
दोस्त, अब आपके मन में कोई कन्फ्यूजन नहीं रहना चाहिए कि अयोध्या से नैमिषारण्य की दूरी कितनी है। सड़क से करीब 190-200 किलोमीटर, ट्रेन से लगभग 170 किलोमीटर और समय करीब 4-5 घंटे का है। इन दोनों पावन स्थलों की यात्रा करना न सिर्फ आस्था से जुड़ा है बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपरा को करीब से जानने का भी मौका है। अगर आप कभी अयोध्या जाएँ, तो नैमिषारण्य की यात्रा ज़रूर करें। यह सफर आपकी आत्मा को सुकून देगा और आपकी आस्था को और मजबूत बना देगा।



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