भारत की धरती पर जितने भी पौराणिक और धार्मिक स्थल हैं, उनमें से नैमिषारण्य का नाम बहुत श्रद्धा और आस्था के साथ लिया जाता है। यह जगह उत्तर प्रदेश के सीतापुर ज़िले में गोमती नदी के किनारे बसी है और इसे “सर्वतीर्थराज” यानी सभी तीर्थों का राजा कहा गया है। यहाँ आने वाले श्रद्धालु अक्सर यह सवाल पूछते हैं कि नैमिषारण्य में कौन सी देवी का मंदिर है? तो चलिए दोस्त, आपको पूरी जानकारी विस्तार से बताते हैं ताकि पढ़ने के बाद आपको कहीं और जाने की ज़रूरत ही न पड़े।

नैमिषारण्य का धार्मिक महत्व
नैमिषारण्य का ज़िक्र वेदों, पुराणों और महाकाव्यों तक में मिलता है। कहा जाता है कि जब देवताओं और असुरों के बीच युद्ध हुआ था, तब संतों ने यहीं तपस्या करके ब्रह्मांड की रक्षा की थी। इसी कारण यह स्थान आज भी तपोभूमि माना जाता है।
यहाँ 88,000 ऋषियों ने तपस्या की थी और यही वजह है कि नैमिषारण्य को मोक्षदायिनी नगरी भी कहा जाता है। लोगों का मानना है कि इस पावन स्थल की यात्रा करने से पिछले जन्मों के पाप भी मिट जाते हैं और आत्मा को शांति मिलती है।
नैमिषारण्य में कौन सी देवी का मंदिर है?
अब आते हैं आपके मुख्य सवाल पर नैमिषारण्य में कौन सी देवी का मंदिर है? तो भाई, यहाँ सबसे प्रसिद्ध मंदिर ललिता देवी मंदिर है।
- ललिता देवी को शक्ति पीठों में गिना जाता है।
- पौराणिक कथा के अनुसार जब माता सती ने अपने पिता दक्ष के यज्ञ में आत्मदाह कर लिया था, तब भगवान शिव ने उनका शव अपने कंधे पर उठाकर तांडव किया। उस समय विष्णु भगवान ने अपने सुदर्शन चक्र से माता सती के शरीर को 51 हिस्सों में बाँट दिया।
- कहा जाता है कि माता का हृदय (हृदयस्थल) यहीं नैमिषारण्य में गिरा था और तभी से यहाँ ललिता देवी का शक्तिपीठ मंदिर स्थापित हुआ।
- यह मंदिर शक्ति साधकों और देवी उपासकों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
यानी अगर कोई पूछे कि नैमिषारण्य में कौन सी देवी का मंदिर है, तो उसका सीधा जवाब है – ललिता देवी का मंदिर।
ललिता देवी मंदिर की खासियत
ललिता देवी मंदिर की खूबसूरती और इसकी आस्था देखने लायक है। यह मंदिर प्राचीन काल से यहाँ मौजूद है और हर साल लाखों श्रद्धालु यहाँ दर्शन के लिए आते हैं।
- यहाँ देवी की प्रतिमा को बहुत भव्य तरीके से सजाया जाता है।
- नवरात्रि और खास त्योहारों पर मंदिर में भारी भीड़ होती है।
- भक्त मानते हैं कि यहाँ सच्चे मन से माँ ललिता से जो भी माँगा जाए, वह जरूर पूरा होता है।
इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहाँ आपको सिर्फ पूजा-पाठ का माहौल ही नहीं मिलेगा, बल्कि मंदिर के आसपास का प्राकृतिक सौंदर्य भी मन को शांति देता है।
नैमिषारण्य के अन्य प्रमुख मंदिर
दोस्त, नैमिषारण्य सिर्फ ललिता देवी मंदिर तक सीमित नहीं है। यहाँ और भी कई प्रमुख मंदिर और तीर्थ स्थल हैं जहाँ जाकर आपको अलग ही अनुभूति होगी।
- चक्र तीर्थ : यह नैमिषारण्य का सबसे पवित्र स्थान माना जाता है। कहा जाता है कि यहाँ स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं।
- हनुमान गढ़ी : यहाँ पवनपुत्र हनुमान जी की भव्य प्रतिमा है।
- बालाजी मंदिर : तिरुपति बालाजी की तरह यहाँ भी भक्त विशेष पूजा-अर्चना करने आते हैं।
- दधीचि कुंड : जहाँ महर्षि दधीचि ने अपनी अस्थियाँ दान करके देवताओं को वज्र बनाने का वरदान दिया था।
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लेकिन इनमें सबसे ज़्यादा महत्व ललिता देवी मंदिर का है क्योंकि यह शक्ति पीठों में से एक है।
क्यों ज़रूरी है ललिता देवी मंदिर के दर्शन करना?
अगर आप सोच रहे हैं कि नैमिषारण्य में ललिता देवी मंदिर के दर्शन क्यों किए जाते हैं तो इसका कारण है
- शक्ति पीठ का महत्व : यहाँ देवी सती का हृदय गिरा था, इसलिए यह स्थान बेहद पवित्र है।
- मनोकामना पूर्ति : भक्त मानते हैं कि माँ ललिता से जो भी प्रार्थना की जाती है, वह पूरी होती है।
- मोक्ष की प्राप्ति : इस मंदिर में दर्शन और पूजन करने से जन्म-जन्मांतर के पाप मिट जाते हैं।
- नवरात्रि का विशेष महत्व : नवरात्रि में यहाँ विशेष आयोजन होता है और दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।
नैमिषारण्य यात्रा का अनुभव
अगर आपने कभी नैमिषारण्य की यात्रा की है तो आप समझते होंगे कि यह सिर्फ एक मंदिर या तीर्थ स्थल नहीं है, बल्कि यह एक आध्यात्मिक अनुभूति है। जब आप यहाँ ललिता देवी के दर्शन करते हैं, तो मन अपने आप शांत हो जाता है। मंदिर की घंटियों की आवाज, भक्तों की आस्था और गोमती नदी का किनारा सब मिलकर एक ऐसा माहौल बना देते हैं कि लगता है मानो आप सीधे किसी पौराणिक युग में पहुँच गए हों।

नैमिषारण्य और ललिता देवी मंदिर से जुड़े 5 रोचक तथ्य
- ललिता देवी मंदिर को 51 शक्ति पीठों में गिना जाता है।
- यहाँ माता सती का हृदय गिरा था, इसलिए इसे हृदयस्थल भी कहा जाता है।
- नैमिषारण्य को “सर्वतीर्थराज” कहा जाता है क्योंकि यहाँ स्नान और दर्शन करने से सभी तीर्थों का फल मिलता है।
- नवरात्रि में लाखों श्रद्धालु यहाँ आते हैं और विशेष मेले का आयोजन होता है।
- यहाँ आने वाले भक्त चक्र तीर्थ में स्नान करके ही ललिता देवी के दर्शन करते हैं।
निष्कर्ष:नैमिषारण्य में कौन सी देवी का मंदिर है?
अब आपको साफ समझ में आ गया होगा कि नैमिषारण्य में कौन सी देवी का मंदिर है? यहाँ ललिता देवी का मंदिर है, जो एक शक्ति पीठ है और जहाँ माता सती का हृदय गिरा था। यह मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं है बल्कि आस्था और श्रद्धा का केंद्र है। अगर कभी आपको मौका मिले तो नैमिषारण्य ज़रूर जाएँ और ललिता देवी के दर्शन करें। यहाँ की यात्रा आपके जीवन में एक अद्भुत अनुभव जोड़ देगी और आपको ऐसा लगेगा जैसे आपने सच में दिव्य शक्ति का आशीर्वाद पा लिया हो।



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