लक्ष्मी माता की आरती: धन, वैभव और सुख-समृद्धि का मार्ग कैसा है?

लक्ष्मी माता की आरती: प्रणाम भक्तों , जैसा कि आप जानते है कि जब भी बात आती है धन, वैभव और सुख-समृद्धि की, तो सबसे पहले मन में लक्ष्मी माता का नाम आता है। हिंदू धर्म में लक्ष्मी जी को धन, ऐश्वर्य और समृद्धि की देवी माना गया है। कहा जाता है कि जिस घर में लक्ष्मी माता की कृपा होती है, वहाँ न केवल धन की वृद्धि होती है, बल्कि परिवार में खुशहाली और सुख-शांति भी बनी रहती है। दीपावली, शुक्रवार और विशेष पूजा अवसरों पर माता लक्ष्मी की आरती करना बेहद शुभ माना जाता है।

लक्ष्मी माता की पूजा का असली महत्व सिर्फ धन प्राप्त करना नहीं है, बल्कि जीवन में संतुलन, परिश्रम और सकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करना है। जब हम पूरी श्रद्धा से माता की आरती करते हैं, तो यह न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक होता है बल्कि हमारे मन में आत्मविश्वास और नई ऊर्जा भी भरता है।

लक्ष्मी माता की आरती धन, वैभव और सुख-समृद्धि का मार्ग कैसा है
लक्ष्मी माता की आरती धन, वैभव और सुख-समृद्धि का मार्ग कैसा है

लक्ष्मी माता की आरती:

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशिदिन सेवत, हर विष्णु विधाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

उमा, रम, ब्रह्माणी, तुम ही जग माता।
सूर्य चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

द्रविते भवनि वासी, हरि ब्रह्मा सेवासी।
सत्यानन्द स्वामी, सर्व सुख दासी॥
ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

तुम ही जग की भूखा, तुम ही जग की प्यासी।
धन-धान्य की दाता, सुख-समृद्धि त्रासी॥
ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि-सिद्धि पाता।
तुम बिन यज्ञ न होता, तुम बिन भोजन खाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

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धन, वैभव और सुख-समृद्धि का मार्ग:

भक्तों , लक्ष्मी माता की कृपा सिर्फ उन पर नहीं होती जो आरती करते हैं, बल्कि उन पर होती है जो अपने जीवन में अच्छे कर्म, ईमानदारी और मेहनत का पालन करते हैं। धन प्राप्त करना केवल पूजा करने से संभव नहीं है, बल्कि सही दिशा में किया गया परिश्रम ही असली कुंजी है।

  1. सकारात्मक सोच रखना – जिस घर में सकारात्मक वातावरण होता है, वहाँ लक्ष्मी माता का वास माना जाता है। नकारात्मकता से बचें।
  2. ईमानदारी और परिश्रम – मेहनत के बिना लक्ष्मी माता प्रसन्न नहीं होतीं। इसलिए सच्चाई और परिश्रम से काम करना जरूरी है।
  3. दान और सेवा – अपने धन का कुछ हिस्सा दूसरों की भलाई के लिए खर्च करें। यह लक्ष्मी माता को बहुत प्रिय है।
  4. संतोष और संयम – अधिक लालच से हमेशा हानि होती है। संतोषी व्यक्ति के घर में सुख और शांति बनी रहती है।
  5. घर की सफाई और पवित्रता – साफ-सुथरे घर में लक्ष्मी जी का वास होता है, इसलिए स्वच्छता का ध्यान रखना जरूरी है।

निष्कर्ष: लक्ष्मी माता की आरती?

लक्ष्मी माता की आरती केवल एक धार्मिक क्रिया नहीं है, बल्कि यह हमें याद दिलाती है कि असली सुख-समृद्धि सिर्फ धन में नहीं बल्कि अच्छे विचारों, रिश्तों और ईमानदारी से भरे जीवन में है। अगर हम सही कर्म और पूजा का संतुलन बनाएँ, तो न केवल लक्ष्मी माता प्रसन्न होंगी बल्कि जीवन भी हर दृष्टि से सम्पन्न हो जाएगा।

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