दिवाली मे रंगोली बनाना क्यों शुभ माना जाता है? नमस्कार दोस्तों जब भी दिवाली का नाम आता है, सबसे पहले मन में जगमगाते दीयों की रोशनी, मिठाइयों की मिठास और घर-आंगन में सजी रंग-बिरंगी रंगोलियों की तस्वीर बन जाती है। दिवाली केवल दीपों का त्योहार नहीं है बल्कि यह हमारे भारतीय संस्कृति, परंपरा और आस्था का ऐसा उत्सव है जिसमें हर चीज़ का एक गहरा महत्व छिपा हुआ है। इन्हीं परंपराओं में से एक है दिवाली मे रंगोली बनाना क्यों शुभ माना जाता है? यह सवाल अक्सर बहुत से लोगों के मन में आता है। रंगोली केवल सजावट का हिस्सा नहीं है, बल्कि इसके पीछे कई धार्मिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक कारण जुड़े हैं।

1. रंगोली का धार्मिक महत्व क्या है?
भारत में हर त्योहार के पीछे आध्यात्मिक मान्यताएं जुड़ी होती हैं। दिवाली के समय रंगोली बनाने का मुख्य कारण यह माना जाता है कि घर-आंगन को देवी लक्ष्मी का स्वागत करने योग्य बनाया जाए। कहा जाता है कि लक्ष्मी जी को स्वच्छ और सजे-संवरे घर पसंद होते हैं। रंगोली घर के द्वार को आकर्षक बनाती है जिससे यह संदेश जाता है कि घरवाले देवी लक्ष्मी का सम्मानपूर्वक स्वागत करने के लिए तैयार हैं। इसीलिए दिवाली पर रंगोली को शुभता और समृद्धि का प्रतीक माना गया है।
दिवाली मे रंगोली बनाना क्यों शुभ माना जाता है? से जुड़े कुछ सवाल?
| सवाल | जवाब |
|---|---|
| दिवाली में रंगोली क्यों बनाते हैं? | देवी लक्ष्मी का स्वागत करने और घर को शुभ बनाने के लिए। |
| रंगोली बनाने का महत्व क्या है? | यह सकारात्मक ऊर्जा और खुशी का प्रतीक है। |
| दिवाली रंगोली शुभ क्यों है? | इसे माँ लक्ष्मी को आकर्षित करने वाला माना जाता है। |
| रंगोली का धार्मिक महत्व क्या है? | रंगोली को पवित्रता और मंगल का प्रतीक माना जाता है। |
| त्योहार में रंगोली क्यों जरूरी है? | घर-आँगन को सजाने और मेहमानों का स्वागत करने के लिए। |
| रंगोली और लक्ष्मी पूजा का संबंध? | लक्ष्मी पूजा में रंगोली से घर को आकर्षक और शुभ बनाया जाता है। |
| रंगोली से घर में क्या फायदा होता है? | सकारात्मक ऊर्जा और शांति का वातावरण बनता है। |
| रंगोली की परंपरा कब से चली आ रही है? | प्राचीन काल से हिंदू संस्कृति का हिस्सा रही है। |
2. सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है?
वैज्ञानिक दृष्टि से भी रंगोली का महत्व है। जब हम रंग-बिरंगे पाउडर, फूलों की पंखुड़ियों या चावल के आटे से रंगोली बनाते हैं तो यह न केवल सुंदरता बढ़ाती है बल्कि वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है। रंग मनुष्य की मनःस्थिति को प्रभावित करते हैं। जैसे लाल रंग उत्साह और ऊर्जा देता है, पीला रंग खुशी और सकारात्मकता लाता है, वहीं हरा रंग शांति और संतुलन का अहसास कराता है। दिवाली जैसे त्योहार पर ये रंग पूरे माहौल को खुशियों से भर देते हैं।
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3. घर की शोभा और मेहमाननवाज़ी भी बढ़ जाती है?
भारतीय संस्कृति में मेहमानों को देवता के समान माना जाता है। दिवाली पर लोग अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को घर बुलाते हैं। ऐसे में जब घर के दरवाज़े पर खूबसूरत रंगोली बनाई जाती है तो यह मेहमानों को स्वागत का संदेश देती है। इससे घर का आंगन न सिर्फ सजा-संवरा लगता है बल्कि यह मेहमाननवाज़ी का भी प्रतीक बन जाता है। यही वजह है कि आज भी गांवों से लेकर बड़े-बड़े शहरों तक, हर जगह दिवाली पर रंगोली बनाने की परंपरा निभाई जाती है।
4. बुरी शक्तियों से रक्षा का प्रतीक माना जाता है?
पुरानी मान्यताओं के अनुसार, रंगोली घर के बाहर बनाई जाती है ताकि नकारात्मक ऊर्जा घर के भीतर प्रवेश न कर सके। यह एक तरह से सुरक्षा कवच का काम करती है। हमारे पूर्वज मानते थे कि रंगोली के आकृतियों और डिज़ाइनों से बुरी आत्माएं भ्रमित हो जाती हैं और घर के भीतर प्रवेश नहीं कर पातीं। इसीलिए इसे केवल सुंदरता बढ़ाने का माध्यम न मानकर, सुरक्षा का प्रतीक भी माना गया है।
5. कला और रचनात्मकता का प्रदर्शन भी मानते हैं इसे?
दिवाली का त्योहार सिर्फ धार्मिक दृष्टि से ही महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि यह कला और संस्कृति का भी उत्सव है। रंगोली बनाना हर किसी के भीतर छिपे कलाकार को बाहर लाने का काम करता है। छोटे-बड़े, बच्चे और महिलाएं सभी मिलकर रंगोली बनाते हैं। इससे परिवार में एक साथ समय बिताने और खुशी साझा करने का मौका मिलता है। साथ ही, यह हमारी भारतीय कला की धरोहर को पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाने का तरीका भी है।
6. रंगोली और लक्ष्मी पूजन का संबंध भी बहुत गहरा है?
दिवाली पर लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि रंगोली लक्ष्मी जी को घर की ओर आकर्षित करती है। रंगोली के बिना घर अधूरा माना जाता है। कई जगहों पर तो खास डिज़ाइन जैसे कमल का फूल, स्वस्तिक, दीपक और शुभ-लाभ जैसे चिन्ह बनाए जाते हैं क्योंकि ये सीधे तौर पर लक्ष्मी जी और शुभता से जुड़े माने जाते हैं।
दिवाली मे रंगोली बनाना क्यों शुभ माना जाता है से जुड़े 5 रोचक फैक्ट्स
- रंगोली बनाने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है और इसका जिक्र वेदों और पुराणों में भी मिलता है।
- पुराने समय में लोग रंगोली केवल चावल के आटे और हल्दी-कुमकुम से बनाते थे ताकि यह जमीन पर गिरे तो चींटियों और पक्षियों का भी पेट भर सके।
- महाराष्ट्र और दक्षिण भारत में रंगोली को ‘रंगावली’ और ‘कोलम’ कहा जाता है।
- कुछ जगहों पर दिवाली के पाँचों दिन अलग-अलग डिज़ाइन की रंगोली बनाने की परंपरा है।
- रंगोली के डिज़ाइन में ज्यामितीय आकृतियों का प्रयोग इसलिए किया जाता है क्योंकि इन्हें ब्रह्मांड की ऊर्जा से जोड़कर देखा जाता है।
निष्कर्ष: दिवाली मे रंगोली बनाना क्यों शुभ माना जाता है?
अगर हम पूरे विषय को एक साथ देखें तो साफ हो जाता है कि दिवाली मे रंगोली बनाना क्यों शुभ माना जाता है, इसका जवाब केवल एक कारण तक सीमित नहीं है। यह परंपरा धार्मिक, सांस्कृतिक, वैज्ञानिक और सामाजिक सभी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। यह देवी लक्ष्मी के स्वागत का माध्यम है, घर में सकारात्मक ऊर्जा लाती है, मेहमानों के लिए स्वागत का प्रतीक है, बुरी शक्तियों से बचाव करती है और साथ ही हमारी कला और संस्कृति को आगे बढ़ाती है। यही कारण है कि दिवाली पर रंगोली बनाना हर घर की सबसे प्यारी और जरूरी परंपरा बन गई है।



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