दीवाली पर लक्ष्मी पूजा क्यों होती है?

दीवाली यानी दीपों का त्योहार, भारत का सबसे बड़ा और सबसे खास पर्व माना जाता है। यह सिर्फ रोशनी और मिठाइयों का त्योहार नहीं है, बल्कि इस दिन लोग माँ लक्ष्मी की पूजा करके अपने जीवन में सुख-समृद्धि और शांति की कामना करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि दीवाली के दिन ही लक्ष्मी पूजा क्यों की जाती है? दरअसल, इसके पीछे धार्मिक मान्यताएँ, ऐतिहासिक घटनाएँ और आध्यात्मिक कारण छिपे हुए हैं, जिन्हें समझना काफी दिलचस्प है।

दीवाली पर लक्ष्मी पूजा क्यों होती है
दीवाली पर लक्ष्मी पूजा क्यों होती है

दीवाली की रात को “अमावस्या” होती है, यानी आसमान में बिल्कुल अंधेरा होता है। ऐसा माना जाता है कि इस रात धरती पर सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह अधिक होता है और लक्ष्मी माता अपने भक्तों के घर में आती हैं। इसलिए लोग दीपक जलाकर, घर की सफाई करके और सजावट करके माता का स्वागत करते हैं।

लक्ष्मी पूजा का धार्मिक महत्व?

हिंदू धर्म में माँ लक्ष्मी को धन, वैभव और समृद्धि की देवी माना जाता है। हर व्यक्ति चाहता है कि उसके घर में सुख-शांति और धन-धान्य की कोई कमी न रहे। दीवाली की रात लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने का सबसे शुभ समय माना गया है।

शास्त्रों के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान जब अमृत और दिव्य रत्न निकले थे, तब माँ लक्ष्मी भी प्रकट हुई थीं। उस दिन कार्तिक माह की अमावस्या थी। तभी से इस दिन लक्ष्मी जी की पूजा करने की परंपरा शुरू हुई। लोग मानते हैं कि इस दिन पूजा करने से लक्ष्मी माता घर में स्थायी रूप से निवास करती हैं।

घर की सफाई और सजावट क्यों ज़रूरी है?

आपने हमेशा सुना होगा कि “दीवाली पर घर की सफाई करनी चाहिए”, लेकिन इसके पीछे सिर्फ स्वच्छता का कारण नहीं है। ऐसा माना जाता है कि लक्ष्मी माता को साफ-सुथरा और रोशनी से भरा घर बहुत पसंद होता है।

जब आप घर की धूल-मिट्टी हटाकर उसे चमकदार बना देते हैं और दीपक, मोमबत्तियों और रंगोली से सजाते हैं, तो यह सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है। धार्मिक दृष्टि से माना जाता है कि जिस घर में सफाई और रोशनी रहती है, वहाँ लक्ष्मी माता का वास होता है और घर में गरीबी व नकारात्मक शक्तियों का प्रवेश नहीं होता।

यह भी जानें – दीवाली पर दीपक क्यों जलाते हैं?

दीप जलाने का असली कारण?

दीपावली का मतलब ही है “दीपों की पंक्ति”। अंधेरी अमावस्या की रात में दीपक जलाने का अर्थ है अंधकार पर प्रकाश की जीत और बुराई पर अच्छाई की विजय।

इसके साथ ही दीपक का सीधा संबंध लक्ष्मी माता से भी है। रोशनी का प्रतीक दीप, घर में समृद्धि और ज्ञान को बुलाता है। ऐसा विश्वास है कि दीयों की रोशनी से लक्ष्मी जी का मार्ग प्रकाशित होता है और वे भक्तों के घर पधारती हैं।

लक्ष्मी पूजा और धन प्राप्ति का संबंध?

हर व्यक्ति चाहता है कि उसके घर में आर्थिक तंगी न हो और जीवन सुखमय बना रहे। दीवाली पर लक्ष्मी पूजा इसलिए भी की जाती है क्योंकि इस दिन धन की देवी को प्रसन्न करना सबसे आसान माना गया है।

लोग पूजा में कलश स्थापित करते हैं, उसमें जल, नारियल और आम के पत्ते रखते हैं। यह सब शुभता का प्रतीक है। पूजा में सिक्के और नोट भी रखे जाते हैं ताकि धन की वृद्धि हो। इस दिन व्यापारी अपने नए हिसाब-किताब की किताबें भी पूजा में रखते हैं और अपने व्यापार की प्रगति की कामना करते हैं।

लक्ष्मी पूजा के सामाजिक और मनोवैज्ञानिक कारण?

अगर धार्मिक कारणों को छोड़ भी दें, तो भी लक्ष्मी पूजा का एक गहरा सामाजिक और मनोवैज्ञानिक महत्व है। त्योहार हमें जोड़ते हैं, परिवार और समाज को एक साथ लाते हैं। दीवाली पर लक्ष्मी पूजा करने से एक सकारात्मक सोच पैदा होती है। लोग मेहनत और ईमानदारी से धन कमाने की प्रेरणा लेते हैं। परिवार एक साथ बैठकर पूजा करता है, मिठाइयाँ बांटता है और खुशियाँ साझा करता है। इससे आपसी रिश्ते मजबूत होते हैं और मानसिक शांति भी मिलती है।

दीवाली पर लक्ष्मी पूजा से जुड़ी कुछ मान्यताएँ?

  1. ऐसा विश्वास है कि अमावस्या की रात लक्ष्मी जी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और जिस घर में दीपक, सफाई और पूजा होती है, वहाँ वे प्रवेश करती हैं।
  2. कई लोग यह भी मानते हैं कि इस दिन लक्ष्मी माता अपने भक्तों के भाग्य का लेखा-जोखा करती हैं।
  3. कुछ परंपराओं में यह भी कहा गया है कि लक्ष्मी पूजा सिर्फ धन के लिए नहीं बल्कि अच्छे स्वास्थ्य और मानसिक शांति के लिए भी की जाती है।

दीवाली पर लक्ष्मी पूजा से जुड़े 5 रोचक फैक्ट्स?

  1. समुद्र मंथन से संबंध : लक्ष्मी माता का प्रकट होना समुद्र मंथन से जुड़ा है और इसलिए दीवाली पर उनकी पूजा का महत्व और बढ़ जाता है।
  2. व्यापारियों का नया साल : गुजरात और राजस्थान जैसे राज्यों में व्यापारी दीवाली के दिन नया वित्तीय साल शुरू करते हैं।
  3. रोशनी और ऊर्जा का विज्ञान : दीपक जलाने से वातावरण की नमी और प्रदूषण कम होता है, जिससे स्वास्थ्य पर अच्छा असर पड़ता है।
  4. सिक्कों का महत्व : पूजा में रखे सिक्के और नोट को लोग सालभर तिजोरी या कैश बॉक्स में रखते हैं, इसे “शुभ लाभ” माना जाता है।
  5. सिर्फ भारत में नहीं : लक्ष्मी पूजा सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि नेपाल, श्रीलंका, थाईलैंड और इंडोनेशिया जैसे देशों में भी की जाती है।

निष्कर्ष:दीवाली पर लक्ष्मी पूजा क्यों होती है?

दीवाली पर लक्ष्मी पूजा सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह हमारी संस्कृति, विश्वास और जीवनशैली का हिस्सा है। यह हमें सिखाती है कि धन का महत्व सिर्फ खर्च करने में नहीं बल्कि उसे सही तरीके से उपयोग करने में है।

जब आप दीपावली पर लक्ष्मी जी की पूजा करते हैं, तो आप न सिर्फ देवी को प्रसन्न करते हैं, बल्कि अपने मन को भी सकारात्मक ऊर्जा से भर देते हैं। यही कारण है कि दीवाली पर लक्ष्मी पूजा को सुख-समृद्धि, शांति और खुशहाल जीवन की कुंजी माना गया है।

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