जब भी दीवाली आती है, घर-घर में सजावट का माहौल बनने लगता है। हर कोई अपने घर को साफ-सुथरा करता है, दीयों से सजाता है और एक खास परंपरा निभाई जाती है – रंगोली बनाने की। आपने भी देखा होगा कि दीवाली के दिन घर के आंगन, दरवाजे या मंदिर के सामने खूबसूरत रंगोली सजाई जाती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि दीवाली पर रंगोली क्यों बनाते हैं? इसका क्या महत्व है और लोग इतने प्यार से इसे क्यों सजाते हैं?
दरअसल, रंगोली सिर्फ रंगों से बनी आकृति नहीं होती, बल्कि यह हमारी संस्कृति, परंपरा और विश्वास से जुड़ी हुई चीज़ है। इसे शुभता और सकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है। चलिए, अब मैं आपको आराम से समझाता हूँ कि दीवाली पर रंगोली बनाने की परंपरा क्यों है और इसके पीछे क्या कारण बताए गए हैं।

रंगोली बनाने का धार्मिक महत्व
हमारे यहाँ मान्यता है कि दीवाली के दिन मां लक्ष्मी जी घर में प्रवेश करती हैं। लक्ष्मी जी धन और समृद्धि की देवी मानी जाती हैं और कहा जाता है कि जहां साफ-सफाई और सुंदरता होती है, वहां देवी लक्ष्मी का वास होता है। इसीलिए लोग अपने घर को सजाने में कोई कमी नहीं छोड़ते।
रंगोली बनाने का सबसे बड़ा कारण यही है कि इससे घर के दरवाजे पर एक आकर्षक और शुभ माहौल बनता है, जिससे लक्ष्मी जी को घर में आने का आमंत्रण मिलता है। यह मानो एक तरह की “वेलकम मैट” होती है, लेकिन भारतीय परंपरा के अंदाज़ में।
सांस्कृतिक कारण रंगोली से बढ़ता है उत्सव का रंग
दीवाली वैसे भी खुशियों और रोशनी का त्योहार है। रंगोली इस खुशी को और बढ़ा देती है। सोचिए, जब आप घर में प्रवेश करते हैं और दरवाजे पर रंग-बिरंगी रंगोली दिखती है, तो मन अपने आप खिल उठता है। यह केवल घरवालों के लिए ही नहीं बल्कि मेहमानों और पड़ोसियों के लिए भी खुशी का कारण बन जाती है।
भारत के अलग-अलग राज्यों में रंगोली बनाने की अलग-अलग परंपराएँ हैं। कहीं इसे कोलम कहा जाता है, कहीं अल्पना, तो कहीं चौकपूरना। लेकिन मकसद एक ही है – घर को सुंदर और शुभ बनाना।
वैज्ञानिक नजरिए से रंगोली
अब आप सोच रहे होंगे कि रंगोली का क्या वैज्ञानिक महत्व है? दरअसल, हमारे पूर्वज जो परंपराएँ लेकर आए थे, उनके पीछे कोई न कोई वैज्ञानिक कारण ज़रूर होता था। रंगोली बनाने के लिए पुराने समय में चावल का आटा, हल्दी, फूलों की पंखुड़ियाँ और प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल किया जाता था।
इससे न केवल जमीन साफ-सुथरी रहती थी, बल्कि घर के आस-पास कीटाणु भी पनप नहीं पाते थे। साथ ही, जब आप रंगोली बनाते हैं तो ध्यान केंद्रित होता है, दिमाग शांत रहता है और मानसिक सुकून मिलता है। यानी यह एक तरह का मेडिटेशन भी है।
रंगोली से जुड़ी मान्यताएँ?
- कहा जाता है कि रंगोली बनाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा नहीं टिकती और सकारात्मकता बनी रहती है।
- रंगोली देवी-देवताओं को प्रसन्न करने का एक तरीका भी है।
- यह मेहमानों के स्वागत का सबसे प्यारा तरीका है, जिससे सामने वाले को लगता है कि उसे मान-सम्मान दिया जा रहा है।
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दीवाली पर रंगोली क्यों खास होती है?
रंगोली तो कई त्योहारों पर बनाई जाती है, लेकिन दीवाली पर इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। क्योंकि यह त्योहार ही देवी लक्ष्मी का स्वागत करने और घर में खुशहाली लाने का प्रतीक है। दीवाली पर बनाई गई रंगोली में दीपक रखे जाते हैं, जिससे उसकी सुंदरता और बढ़ जाती है। कुछ लोग रंगोली के बीच में “शुभ” या “स्वस्तिक” भी बनाते हैं, जो हिंदू धर्म में बहुत ही पवित्र माने जाते हैं।
रंगोली बनाने से जुड़ी सामाजिक परंपरा?
रंगोली बनाना सिर्फ सजावट भर नहीं है, बल्कि यह परिवार और समाज को जोड़ने का भी काम करता है। दीवाली की शाम को अक्सर बच्चे, महिलाएं और घर के बड़े लोग मिलकर रंगोली बनाते हैं। इससे एक साथ काम करने का भाव आता है और त्योहार का मजा दोगुना हो जाता है। यह परंपरा हमें अपनी जड़ों से जोड़ती है और नई पीढ़ी को यह सिखाती है कि त्योहार केवल दिखावे के लिए नहीं होते, बल्कि इनके पीछे हमारी संस्कृति और भावनाएँ जुड़ी होती हैं।
5 रोचक फैक्ट्स रंगोली से जुड़े?
- प्राचीन समय में रंगोली को केवल प्राकृतिक चीजों जैसे चावल, आटा, हल्दी और फूलों से बनाया जाता था।
- दक्षिण भारत में रंगोली को कोलम कहते हैं और इसे रोज सुबह महिलाएँ अपने घर के दरवाजे पर बनाती हैं।
- रंगोली के डिज़ाइनों में ज्यादातर गोलाई और सममित आकृतियाँ होती हैं, जिन्हें शुभ माना जाता है।
- महाराष्ट्र में रंगोली को पवित्रता का प्रतीक मानकर पूजा-पाठ का हिस्सा भी बनाया जाता है।
- आजकल रंगोली बनाने के लिए रेडीमेड स्टिकर्स और टेम्पलेट्स भी आते हैं, लेकिन हाथ से बनाई रंगोली की खूबसूरती की बात ही अलग है।

निष्कर्ष:दीवाली पर रंगोली क्यों बनाते हैं?
तो दोस्तों, अब आप समझ गए होंगे कि दीवाली पर रंगोली क्यों बनाई जाती है। यह केवल सजावट का तरीका नहीं है, बल्कि यह हमारी आस्था, संस्कृति और विश्वास का प्रतीक है। रंगोली घर को सुंदर बनाती है, सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है और देवी लक्ष्मी के स्वागत का सबसे खास जरिया होती है।
दीवाली पर जब आप रंगोली बनाएँ तो इसे सिर्फ एक डिज़ाइन समझकर न बनाइए, बल्कि इसे दिल से सजाइए, क्योंकि यही आपके घर की खूबसूरती और आपकी भावनाओं को दर्शाती है। और हाँ, अगर हो सके तो बच्चों को भी इसमें शामिल करें, ताकि हमारी परंपरा आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचे।