अगर आप रामायण पढ़ चुके हैं या उसके बारे में सुना है तो आपने रावण का नाम ज़रूर सुना होगा। रावण सिर्फ एक राक्षस राजा नहीं था, बल्कि एक महान विद्वान, ज्योतिषी और शिवभक्त भी था। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि रावण पृथ्वी पर कितने वर्षों तक जीवित रहा था। यह जानने के लिए हमें उसके जन्म से लेकर उसकी मृत्यु तक की कथा और इतिहास को समझना पड़ेगा।
रावण, जो लंका का महान राजा और शिव का परम भक्त माना जाता है, उसके जीवनकाल को लेकर कई धार्मिक ग्रंथों और कथाओं में अलग-अलग विवरण मिलते हैं। पुराणों और रामायण की कथाओं के अनुसार रावण कोई साधारण मनुष्य नहीं था, बल्कि एक विद्वान, शक्तिशाली और तपस्वी राक्षस राजा था। उसने हजारों वर्षों तक कठोर तपस्या करके अपार शक्तियां और वरदान प्राप्त किए थे। यही कारण है कि उसका जीवनकाल भी साधारण मनुष्यों से कहीं अधिक बताया गया है। कई मान्यताओं के अनुसार रावण ने पृथ्वी पर लगभग 10,000 वर्षों तक जीवन व्यतीत किया।

अगर हम गहराई से देखें तो रावण का जन्म पुलस्त्य ऋषि की वंश परंपरा में हुआ था, जिसके कारण उसमें दिव्य शक्तियां थीं। उसके जीवन की लंबाई का जिक्र यह भी दर्शाता है कि वह सिर्फ एक पात्र नहीं, बल्कि एक युग का प्रतीक था। उसने लंबे समय तक लंका पर शासन किया और देवताओं तक को चुनौती दी। उसकी मृत्यु भगवान श्रीराम के हाथों हुई, लेकिन उससे पहले उसने ज्ञान, राजनीति, आयुर्वेद और संगीत जैसे क्षेत्रों में गहरी छाप छोड़ी। इसीलिए कहा जाता है कि रावण का जीवन हजारों वर्षों का था, जो सामान्य मानव जीवन से कहीं ज्यादा लंबा माना जाता है।
रावण का जन्म और वंश
रावण का जन्म ऋषि विश्रवा और राक्षसी कैकसी के घर हुआ था। इस वजह से उसमें एक तरफ ब्राह्मण गुण थे तो दूसरी तरफ राक्षसी स्वभाव। यही कारण था कि रावण में ज्ञान और शक्ति का अद्भुत मेल देखने को मिलता है। जन्म से ही वह बहुत बुद्धिमान और बलवान था। कहा जाता है कि बचपन से ही उसने वेद-पुराण और शास्त्रों का गहन अध्ययन कर लिया था।
कई ग्रंथों में यह उल्लेख मिलता है कि रावण ने अपनी तपस्या और विद्या के बल पर ब्रह्मा जी से वरदान प्राप्त किए थे, जिसकी वजह से उसे देवता, दानव और गंधर्व कोई नहीं मार सकता था। इसी वरदान ने उसे लगभग अमर जैसी स्थिति दे दी थी।
रावण ने कितने साल जिया?
अब असली सवाल यही है। पुराणों और रामायण के अलग-अलग संस्करणों में रावण की आयु को लेकर भिन्न मत मिलते हैं। लेकिन ज्यादातर विद्वानों का मानना है कि रावण लगभग 10,000 वर्षों तक जीवित रहा था।
यह सुनकर थोड़ा अजीब जरूर लगता है, लेकिन ध्यान रखना चाहिए कि त्रेतायुग का समय ही लाखों वर्षों का होता था। उस समय इंसानों और राक्षसों की आयु साधारण आज की तरह 60-100 साल नहीं होती थी। उस युग में महान तपस्वियों और असुरों की उम्र हजारों से लेकर लाखों सालों तक बताई गई है। रावण ने ब्रह्मा जी से मिले वरदान और तपस्या के बल पर लंबी आयु पाई थी, इसलिए उसने धरती पर लाखों वर्षों तक राज किया।
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रावण का राज्यकाल?
रावण सिर्फ लंबे समय तक जिंदा नहीं रहा बल्कि उसने लंका पर हजारों सालों तक राज भी किया। कहा जाता है कि उसने लंका को सोने की नगरी बना दिया था। आज भी जब कोई “सोने की लंका” कहता है तो सबसे पहले रावण की ही याद आती है।
उसके शासनकाल में लंका बेहद समृद्ध और शक्तिशाली राज्य था। समुद्र के बीच बसी उस सोने की नगरी का वैभव देख देवता भी चकित हो जाते थे। लेकिन उसकी यह समृद्धि उसके अहंकार के कारण धीरे-धीरे विनाश की ओर चली गई।
रावण की मृत्यु?
रामायण की कथा के अनुसार जब रावण ने माता सीता का हरण किया तो यही उसका सबसे बड़ा गलती साबित हुआ। भगवान राम और रावण के बीच लंका युद्ध हुआ और अंततः भगवान राम ने रावण का वध कर दिया।
उस समय तक रावण ने लाखों सालों तक पृथ्वी पर राज किया और जीया। उसकी मृत्यु त्रेतायुग के अंत की ओर मानी जाती है।
रावण की आयु का रहस्य?
अब सवाल उठता है कि आखिर रावण इतने वर्षों तक जिंदा कैसे रहा? इसका जवाब उसकी तपस्या, वरदान और योगिक शक्ति में छिपा हुआ है। रावण ने भगवान शिव की कठोर तपस्या की थी और शिव जी ने उसे अद्भुत शक्तियाँ प्रदान की थीं। साथ ही उसने आयुर्वेद और रसायन विद्या का गहरा अध्ययन किया था, जिससे वह अपनी आयु को लंबे समय तक बनाए रख पाया।
5 रोचक तथ्य रावण से जुड़े?
- रावण वेद, वेदांग और आयुर्वेद का बड़ा ज्ञाता था। कहा जाता है कि उसने “रावण संहिता” नामक ग्रंथ लिखा था।
- रावण शिवभक्त था और हर रोज भगवान शिव की पूजा करता था। उसकी वीणा वादन की कला भी प्रसिद्ध थी।
- रावण ने विमान निर्माण की विद्या सीखी थी और उसके पास पुष्पक विमान था, जिससे वह उड़कर कहीं भी जा सकता था।
- रावण ने सीता का हरण जरूर किया, लेकिन उसने कभी भी उनकी मर्यादा भंग नहीं की। उसने उन्हें अशोक वाटिका में सुरक्षित रखा।
- रावण को ब्रह्मा जी ने वरदान दिया था कि उसे देवता, असुर और गंधर्व नहीं मार सकते, लेकिन उसने इंसानों और वानरों का नाम छोड़ दिया था। यही उसकी मृत्यु का कारण बना।

निष्कर्ष:रावण पृथ्वी पर कितने वर्ष तक जीवित रहा? पूरी जानकारी
अगर सरल शब्दों में कहें तो रावण एक ऐसा चरित्र था जिसके जीवन को केवल खलनायक के रूप में नहीं देखा जा सकता। वह एक महान विद्वान, शिवभक्त और शक्तिशाली राजा था, लेकिन उसका अहंकार और अन्याय उसे विनाश की ओर ले गया।
जहाँ तक उसकी उम्र की बात है तो पुराणों और रामायण में साफ उल्लेख मिलता है कि रावण ने लगभग 10,000 वर्ष तक पृथ्वी पर जीवन व्यतीत किया। आज भी जब कोई उसकी कथा सुनता है तो दिमाग में यही सवाल आता है कि इतना लंबा जीवन पाकर भी अगर किसी ने गलत राह चुनी तो अंत निश्चित रूप से विनाश ही होता है।