खाटू श्याम जी का नाम सुनते ही भक्तों के मन में भक्ति और श्रद्धा का सागर उमड़ आता है। जिन्हें आज हम खाटू श्याम जी के नाम से जानते हैं, वही महाभारत के महान योद्धा बर्बरीक थे। भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें वरदान दिया था कि कलयुग में उनकी पूजा “श्याम” नाम से होगी और वे भक्तों की मनोकामनाएँ पूरी करेंगे। तभी से राजस्थान के खाटू धाम में उनका विशाल मंदिर भक्तों के लिए सबसे बड़ा तीर्थस्थल बन चुका है। लेकिन मंदिर जाने के अलावा, अगर कोई घर पर ही खाटू श्याम जी की पूजा करना चाहे तो कैसे करें? यही आज मैं आपको विस्तार से बताने वाला हूँ।
घर पर खाटू श्याम जी की पूजा की शुरुआत कैसे करें?
सबसे पहले तो ये समझ लीजिए कि श्याम बाबा की पूजा में भव्यता से ज़्यादा ज़रूरी है सच्ची श्रद्धा और भक्ति। अगर मन साफ है और दिल से बाबा को याद किया जाए तो वे बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं।सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहनें और पूजा स्थल को गंगाजल या साफ पानी से शुद्ध करें।

एक चौकी पर लाल या पीले रंग का साफ कपड़ा बिछाएँ और उस पर खाटू श्याम जी की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करें। दीया जलाएँ और अगरबत्ती या धूप दिखाएँ। फिर बाबा को फूल अर्पित करें, खासकर गुलाब और मोगरे के फूल उन्हें बहुत प्रिय माने जाते हैं। इसके बाद भोग लगाएँ, जो आपके घर में बना हुआ शुद्ध और सात्विक भोजन हो सकता है, जैसे खीर, चूरमा या पंजीरी।
खाटू श्याम जी की पूजा विधि स्टेप बाय स्टेप?
- ध्यान और संकल्प : पूजा से पहले बाबा को मन ही मन याद करें और संकल्प लें कि आप किस उद्देश्य से पूजा कर रहे हैं।
- स्नान और शुद्धता : पूजा करने वाला व्यक्ति स्नान करके साफ-सुथरे वस्त्र पहने।
- प्रतिमा स्थापना : खाटू श्याम जी की मूर्ति या तस्वीर को चौकी पर रखें।
- दीपक जलाना : घी या तेल का दीपक जलाएँ और धूप/अगरबत्ती दिखाएँ।
- फूल और भोग : ताज़े फूल, माला और घर में बना सात्विक भोग बाबा को अर्पित करें।
- आरती और भजन : बाबा की आरती करें और भजन गाएँ। कहते हैं कि भजन-संकीर्तन करने से बाबा जल्दी प्रसन्न होते हैं।
- प्रार्थना : अंत में हाथ जोड़कर बाबा से अपनी मनोकामना कहें और सबकी भलाई के लिए प्रार्थना करें।
पूजा का सही समय?
खाटू श्याम जी की पूजा के लिए सुबह का समय सबसे उत्तम माना जाता है। सूर्योदय से पहले स्नान करके पूजा करना शुभ फल देता है। लेकिन अगर सुबह समय न मिले तो शाम को दीपक जलाकर भी पूजा की जा सकती है। खासकर गुरुवार और शनिवार को बाबा की पूजा का विशेष महत्व है।
भक्तों यह भी जानें – खाटू श्याम जी मंदिर कहाँ स्थित है?
खाटू श्याम जी की भक्ति में भजन और नामस्मरण?
खाटू श्याम जी की पूजा सिर्फ दीपक और फूलों से नहीं पूरी होती, असली पूजा है भजन और नामस्मरण। जब आप पूरे मन से “श्याम श्याम” गाते हैं तो मानो बाबा को सीधे अपने दिल में बुला लेते हैं। कई भक्त तो रोज़ाना भजन गाते हुए ही अपना दिन शुरू करते हैं। यह परंपरा बाबा के भक्तों को मानसिक शांति और आत्मविश्वास देती है।
व्रत और विशेष अवसर?
कई भक्त खाटू श्याम जी के लिए व्रत भी रखते हैं। खासकर फाल्गुन महीने में खाटू धाम का मेला लगता है, जिसमें लाखों भक्त पहुँचते हैं। इस दौरान व्रत करके बाबा की पूजा करने से विशेष फल मिलता है। आप चाहे तो साधारण रूप से हर गुरुवार को व्रत रख सकते हैं और बाबा का नाम लेकर फलाहार कर सकते हैं।
पूजा के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें?
- पूजा में हमेशा सात्विक वस्तुओं का ही उपयोग करें।
- घर का माहौल साफ-सुथरा और सकारात्मक होना चाहिए।
- पूजा करते समय मन में किसी के लिए बुराई या द्वेष न रखें।
- भोग लगाने के बाद वही प्रसाद रूप में परिवार और जरूरतमंदों को बाँटें।
- पूजा के बाद बाबा की कथा या भजन सुनना भी बेहद शुभ माना जाता है।
खाटू श्याम जी की पूजा करने से क्या लाभ होते हैं?
कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति सच्चे मन से बाबा को याद करता है, उसकी हर मनोकामना पूरी होती है। बाबा के दरबार में अमीर-गरीब सब एक समान माने जाते हैं। उनकी पूजा से जीवन की परेशानियाँ दूर होती हैं, मन को शांति मिलती है और घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
खाटू श्याम जी से जुड़े 5 रोचक तथ्य?
- खाटू श्याम जी का असली नाम बर्बरीक था, जो भीम के पोते थे।
- महाभारत युद्ध में वे तीन बाणों से ही पूरी सेना को समाप्त करने की शक्ति रखते थे।
- श्रीकृष्ण ने उन्हें वरदान दिया था कि कलयुग में वे “श्याम” नाम से पूजे जाएँगे।
- राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खाटू धाम उनका मुख्य मंदिर है, जहाँ हर साल लाखों भक्त पहुँचते हैं।
- बाबा के भक्त मानते हैं कि वे बहुत जल्दी प्रसन्न होकर मन की इच्छाएँ पूरी करते हैं, बस श्रद्धा सच्ची होनी चाहिए।

निष्कर्ष:खाटू श्याम जी की पूजा कैसे करें | पूरी जानकारी
अगर आप सोच रहे हैं कि खाटू श्याम जी की पूजा कैसे करें, तो इसका उत्तर बहुत सरल है – दिल से और श्रद्धा से। पूजा में नियम और विधि ज़रूरी हैं लेकिन सबसे अहम है आपका भाव। सुबह स्नान करके साफ-सुथरे मन से बाबा को याद करना, दीपक जलाना, फूल और भोग चढ़ाना, भजन गाना और अंत में प्रार्थना करना ही उनकी सच्ची पूजा है। खाटू श्याम जी को “कलयुग के संकटमोचक” कहा जाता है। इसलिए जब भी जीवन में कोई कठिनाई आए तो उन्हें याद कीजिए, विश्वास रखिए कि बाबा हर समस्या से बाहर निकाल देंगे।
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