अगर आप खाटू श्याम बाबा के भक्त हैं, तो आपके मन में यह सवाल जरूर आता होगा कि आखिर खाटू श्याम बाबा का शुभ दिन कौन सा है? और किस दिन उनके दर्शन करने से ज्यादा पुण्य और आशीर्वाद मिलता है। दरअसल, खाटू श्याम बाबा को कलियुग का अवतार माना जाता है और लोग उन्हें ‘हारे का सहारा’ भी कहते हैं। भक्तों का विश्वास है कि बाबा का नाम लेने मात्र से ही सारी परेशानियाँ दूर हो जाती हैं।
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अब बात करें शुभ दिन की, तो ज्यादातर लोग मानते हैं कि बाबा श्याम का सबसे प्रिय दिन गुरुवार होता है। इस दिन उनके मंदिरों में खास भीड़ देखने को मिलती है और भक्त श्रद्धा से उनका भजन-कीर्तन करते हैं। इसके अलावा, रविवार को भी खाटू धाम में विशेष भीड़ रहती है, क्योंकि लोग छुट्टी के दिन बाबा के दर्शन करने ज्यादा आते हैं।
खाटू श्याम बाबा और उनकी आस्था
खाटू श्याम बाबा का असली नाम बारबरिक था, जो महाभारत के समय घटोत्कच के पुत्र थे। कहते हैं कि उन्होंने श्रीकृष्ण को अपना सिर दान कर दिया था और बदले में वरदान पाया कि कलियुग में उन्हें श्याम नाम से पूजा जाएगा। यही वजह है कि आज करोड़ों लोग उन्हें खाटू श्याम जी के नाम से जानते और पूजते हैं।
अगर आप खाटू श्याम मंदिर, राजस्थान जाते हैं, तो वहाँ आपको हर दिन भक्तों की लंबी कतार देखने को मिलेगी। लेकिन गुरुवार और एकादशी को विशेष आयोजन होते हैं। इन दिनों में श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं और बाबा के दरबार में अपनी हाजिरी लगाते हैं।
खाटू श्याम बाबा का शुभ दिन क्यों माना जाता है गुरुवार?
- मान्यता है कि गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और बृहस्पति देव का होता है।
- चूँकि श्याम बाबा को श्रीकृष्ण का ही रूप माना जाता है, इसलिए यह दिन विशेष महत्व रखता है।
- गुरुवार को भक्त पीले वस्त्र पहनकर, चना-दाल और गुड़ का प्रसाद चढ़ाकर बाबा से प्रार्थना करते हैं।
- ऐसा माना जाता है कि इस दिन दर्शन और पूजा करने से मनोकामना जल्दी पूर्ण होती है।
खाटू धाम में कौन-कौन से खास दिन होते हैं
अगर आप सोच रहे हैं कि सिर्फ गुरुवार ही शुभ दिन है तो ऐसा नहीं है। खाटू श्याम बाबा के दरबार में कुछ और दिन भी बेहद खास माने जाते हैं।
- फाल्गुन मेला: यह सबसे बड़ा मेला होता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु एक साथ खाटू धाम पहुंचते हैं।
- एकादशी: हर एकादशी पर विशेष भजन-कीर्तन और रात्रि जागरण होता है।
- ग्यारस: खासतौर पर देवउठनी ग्यारस पर बड़ी संख्या में भक्त आते हैं।
- पूर्णिमा: इस दिन भी खाटू धाम में भक्तों की भीड़ रहती है और लोग बाबा से आशीर्वाद लेते हैं।
खाटू श्याम मंदिर जाने का सही समय
बहुत से लोग पूछते हैं कि खाटू श्याम मंदिर कब जाना सबसे अच्छा रहता है। तो आपको बता दूँ कि
- सुबह का समय दर्शन के लिए सबसे शुभ और शांत माना जाता है।
- गुरुवार और रविवार को विशेष भीड़ होती है, इसलिए अगर आप शांति से दर्शन करना चाहते हैं तो सप्ताह के बीच वाले दिन जाएँ।
- फाल्गुन महीने में जरूर जाएँ, क्योंकि इस दौरान पूरे मंदिर परिसर में भक्ति का अलग ही माहौल होता है।
खाटू श्याम बाबा की पूजा और अर्चना
भक्त लोग बाबा की पूजा बड़े सरल तरीके से करते हैं। सिर्फ एक लोटा जल, फूल, अगरबत्ती और प्रसाद चढ़ाने से ही बाबा प्रसन्न हो जाते हैं। खासकर गुरुवार के दिन पीले फूल और पीले वस्त्र चढ़ाना बहुत शुभ माना जाता है। लोग कहते हैं कि बाबा के दरबार में केवल सच्चे मन से माँगने पर ही इच्छाएँ पूरी होती हैं। यहाँ तक कि बिना कुछ माँगे भी अगर आप उनका नाम जपते हैं, तो जीवन की कठिनाइयाँ धीरे-धीरे दूर होने लगती हैं।
खाटू श्याम बाबा का महत्व क्यों बढ़ता जा रहा है
आजकल देखा जाए तो हर जगह खाटू श्याम के भजन गाए जाते हैं। सोशल मीडिया पर भी उनके भजनों की धूम रहती है। इसका कारण यही है कि लोग मानते हैं कि बाबा का नाम लेने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है। राजस्थान के सीकर जिले का खाटू धाम तो विश्वभर में प्रसिद्ध हो चुका है। भारत के अलग-अलग राज्यों से ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी लोग बाबा के दर्शन करने आते हैं।
खाटू श्याम बाबा से जुड़ी 5 रोचक बातें
- खाटू श्याम बाबा को हारे का सहारा कहा जाता है, यानी जो जीवन की लड़ाई में हार चुका हो, उसे बाबा जरूर सहारा देते हैं।
- खाटू श्याम मंदिर में बिना जूते-चप्पल के प्रवेश किया जाता है, इसे आस्था का प्रतीक माना जाता है।
- बाबा के दरबार में फाल्गुन मेला साल का सबसे बड़ा आयोजन है, जिसमें लाखों लोग शामिल होते हैं।
- भक्त मानते हैं कि अगर आप 11 गुरुवार लगातार बाबा का नाम जपें, तो आपकी सबसे कठिन मनोकामना भी पूरी हो जाती है।
- खाटू श्याम मंदिर में मिलने वाला प्रसाद (खीर और चूरमा) बेहद प्रसिद्ध है, लोग इसे आशीर्वाद समझकर घर ले जाते हैं।

निष्कर्ष: खाटू श्याम बाबा का शुभ दिन कौन सा है?
तो भाई, अगर आप भी यह जानना चाहते थे कि खाटू श्याम बाबा का शुभ दिन कौन सा है, तो अब आपके मन में कोई संदेह नहीं होना चाहिए। सरल भाषा में कहें तो गुरुवार और रविवार बाबा के विशेष दिन माने जाते हैं, लेकिन असली बात यह है कि अगर आप सच्चे मन से किसी भी दिन उन्हें याद करेंगे, तो बाबा जरूर आपकी सुनेंगे।
खाटू श्याम बाबा के भक्त मानते हैं कि वह हर दिन अपने भक्तों की सुनते हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि गुरुवार और एकादशी को उनकी कृपा और भी अधिक मानी जाती है। अगर कभी मौका मिले तो आप भी राजस्थान के सीकर जिले स्थित खाटू धाम जरूर जाएँ। वहाँ का माहौल, भक्ति और आस्था आपके दिल को छू जाएगी।
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