नमस्कार हिन्दू भाइयों तो भाइयों आज हम बात करने वाले एक ऐसे स्थान के बारे जो अपने देश में बहुत धार्मिक मन जाता है। चलिए जानते हैं ये स्थान कहा हैं और कैसे यहा जाये। Naimisharanya Dham Kaha Hai | चलिए जानते हैं इस पवित्र धाम के बारे में विस्तार से चलिए जानते हैं।
भाइयों भारत एक ऐसा देश है जिसे विश्व भर में आध्यात्मिकता और संस्कृति की जन्मभूमि माना जाता है। यहाँ हर राज्य और हर जिले में ऐसे पवित्र स्थल मिलते हैं जिनका संबंध सीधे धर्म और पुराणों से होता है। इन्हीं में से एक है नैमिषारण्य धाम (Naimisharanya Dham), जो हिन्दू धर्म के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में गिना जाता है।
Naimisharanya Dham Kaha Hai

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अक्सर लोग यह सवाल करते हैं – “Naimisharanya Dham Kaha Hai?” तो इसका सरल उत्तर है – यह धाम उत्तर प्रदेश राज्य के सीतापुर जिले में स्थित है। लेकिन यह सिर्फ एक भौगोलिक स्थान नहीं है, बल्कि हजारों साल पुराना आस्था, भक्ति और ज्ञान का केंद्र है।
Naimisharanya Dham Kaha Hai?
- नैमिषारण्य धाम उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में स्थित है।
- यह लखनऊ से लगभग 94 किलोमीटर और दिल्ली से करीब 450 किलोमीटर की दूरी पर है।
- लखनऊ एयरपोर्ट या रेलवे स्टेशन से यहाँ पहुँचना बहुत आसान है क्योंकि सड़क मार्ग से यह जगह अच्छे से जुड़ी हुई है।
नैमिषारण्य धाम का पौराणिक महत्व
नैमिषारण्य धाम का नाम लेते ही पुराण, वेद और ऋषि-मुनियों की साधना का स्मरण हो जाता है।
- ऋषियों की तपस्थली – पुराणों में वर्णन है कि यहाँ पर एक साथ 88,000 ऋषियों ने तप और वेदों का अध्ययन किया था।
- भगवान विष्णु का सुदर्शन चक्र – मान्यता है कि असुरों का नाश करने के लिए भगवान विष्णु ने यहाँ अपना सुदर्शन चक्र चलाया था। जिस स्थान पर चक्र गिरा, वह भूमि नैमिषारण्य धाम कहलायी।
- मोक्षदायी स्थल – ऐसा विश्वास है कि यहाँ स्नान करने और पूजा करने से सभी पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- सतयुग से जुड़ा महत्व – कहा जाता है कि सतयुग से लेकर कलयुग तक इस स्थान का धार्मिक महत्व कभी कम नहीं हुआ।
नैमिषारण्य धाम के प्रमुख स्थल
अगर आप यहाँ आते हैं तो आपको कई प्रमुख धार्मिक स्थल और मंदिर देखने को मिलेंगे।
- चक्रतीर्थ (Chakra Tirtha) –
यहाँ एक गोलाकार कुंड है जहाँ भगवान विष्णु का सुदर्शन चक्र गिरा था। यह कुंड कभी सूखता नहीं है। श्रद्धालु यहाँ स्नान कर पवित्र लाभ उठाते हैं। - व्यास गद्दी (Vyas Gaddi) –
यहीं पर महर्षि वेदव्यास ने बैठकर पुराणों की रचना की थी। यह जगह अध्यात्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। - हनुमान गढ़ी –
यहाँ हनुमान जी का प्राचीन मंदिर है जहाँ भक्त बड़ी श्रद्धा से दर्शन करते हैं। - ललिता देवी मंदिर –
यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है। यहाँ माता ललिता की पूजा की जाती है। - पांडव किला –
मान्यता है कि महाभारत काल में पांडवों ने कुछ समय यहाँ निवास किया था। - दधिचि आश्रम –
ऋषि दधिचि ने यहीं अपनी हड्डियाँ दान दी थीं जिनसे इंद्र देव का वज्र बनाया गया था। - सूत गद्दी –
यहाँ पर सूतजी ने ऋषियों को पुराणों की कथा सुनाई थी।
नैमिषारण्य धाम तक कैसे पहुँचे?
- हवाई मार्ग (By Air): नज़दीकी एयरपोर्ट लखनऊ (Amausi Airport) है।
- रेल मार्ग (By Train): नज़दीकी रेलवे स्टेशन मिस्रिख (32 किमी) है।
- सड़क मार्ग (By Road): लखनऊ, कानपुर और सीतापुर से बस और टैक्सी आसानी से उपलब्ध हैं।
घूमने का सही समय
- अक्टूबर से मार्च – ठंड का मौसम यहाँ आने के लिए सबसे अच्छा है।
- त्योहारों पर – राम नवमी, नवरात्रि, गंगा दशहरा और पूर्णिमा पर यहाँ का वातावरण बेहद दिव्य होता है।
Naimisharanya Dham Kaha Hai

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नैमिषारण्य धाम क्यों खास है?
- यहाँ आने से मन को अद्भुत शांति मिलती है।
- यह भारत के सबसे प्राचीन धार्मिक स्थलों में से एक है।
- यहाँ इतिहास, आध्यात्म और संस्कृति का संगम मिलता है।
- परिवार के साथ धार्मिक यात्रा करने के लिए यह आदर्श स्थान है।
- श्रद्धालुओं का मानना है कि यहाँ की यात्रा से जीवन की परेशानियाँ कम होती हैं।
नैमिषारण्य धाम से जुड़ी 10 रोचक बातें
- यह 88,000 ऋषियों की तपस्थली है।
- यहाँ का चक्रतीर्थ कुंड कभी सूखता नहीं।
- महर्षि वेदव्यास ने यहीं महाभारत और पुराणों की रचना की।
- यह 51 शक्तिपीठों में से एक है।
- हर साल यहाँ लाखों श्रद्धालु स्नान और पूजा करने आते हैं।
- भगवान विष्णु का सुदर्शन चक्र यहीं गिरा था।
- सतयुग से कलयुग तक इसका महत्व बराबर रहा है।
- यहाँ पर कई प्राचीन मंदिर और आश्रम हैं।
- पांडवों से जुड़ी कथाएँ भी यहाँ प्रसिद्ध हैं।
- यहाँ का वातावरण प्राकृतिक और अत्यंत शांत है।
यात्रा के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें
- पूजा और स्नान से पहले स्थानीय नियमों का पालन करें।
- धार्मिक स्थल होने के कारण सादगी और आस्था बनाए रखें।
- त्योहारों पर भीड़ होती है, इसलिए पहले से तैयारी करें।
- मौसम की जानकारी लेकर ही यात्रा करें।
- स्थानीय गाइड से जानकारी लेकर यात्रा को और भी रोचक बनाएं।
Naimisharanya Dham Kaha Hai

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निष्कर्ष: Naimisharanya Dham Kaha Hai | चलिए जानते हैं इस पवित्र धाम के बारे में विस्तार से
अब आप जान गए होंगे कि “Naimisharanya Dham Kaha Hai” और यह धाम इतना खास क्यों है। उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में स्थित यह पवित्र भूमि सिर्फ़ एक धार्मिक स्थान नहीं बल्कि आस्था, संस्कृति और इतिहास का जीवंत प्रतीक है।
यहाँ आने वाला हर व्यक्ति अद्भुत शांति, भक्ति और सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव करता है। अगर आप भी भारत के पौराणिक धार्मिक स्थलों की यात्रा करना चाहते हैं, तो नैमिषारण्य धाम आपकी यात्रा सूची में जरूर होना चाहिए।
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धन्यवाद भाइयों
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