अगर आप लखनऊ में रहते हैं या फिर आसपास के किसी ज़िले से आते हैं, तो आपने Kartik Purnima का नाम ज़रूर सुना होगा। लेकिन जब बात Kartik Purnima Mela Lucknow location की आती है, तो लोग थोड़े confused हो जाते हैं कि आखिर ये मेला लगता कहाँ है, पहुँचें कैसे, पार्किंग कहाँ होती है, भीड़ कैसी रहती है और वहां क्या-क्या देखने को मिलता है। इसलिए आज मैं आपको दोस्त की तरह, आराम से, बिना भारी-भरकम भाषा के, इस पूरे मेले का असली अनुभव और इसकी सही लोकेशन समझाने वाला हूँ।
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सबसे पहले एक बात साफ कर दूँ—ये मेला सिर्फ एक मेला नहीं है, बल्कि एक भावनात्मक जोड़ है। गाँवों में बड़े-बूढ़े कहते हैं कि “कार्तिक पूर्णिमा का मेला न देखो, तो साल अधूरा लगता है।” और शहरों में इसे एक तरह का सांस्कृतिक उत्सव माना जाता है, जिसमें धार्मिक श्रद्धा, लोक संस्कृति, खाना, खरीदारी और घूमने का मज़ा सब एक साथ मिलता है।
अब चलते हैं इसकी लोकेशन पर, ताकि आपकी सबसे बड़ी टेंशन पहले ही खत्म हो जाए।
1. Kartik Purnima Mela Lucknow Location : आखिर लगता कहाँ है?
लखनऊ में Kartik Purnima का मुख्य मेला गомती नदी के किनारे, खासतौर पर गौरी घाट (Gauri Ghat) और उसके आसपास के घाटों पर लगता है। इन घाटों को कार्तिक माह में खास तौर पर सजाया जाता है और कार्तिक पूर्णिमा की रात यहाँ हजारों की संख्या में श्रद्धालु दीपदान करने पहुँचते हैं।
गौरी घाट का पूरा इलाका रोशनी से जगमगा उठता है। नदी के तट पर लंबी-लंबी लाइटिंग की कतारें, छोटे दुकानदारों की टिमटिमाती दुकानों की चमक और फूल-मालाओं की खुशबू मिलकर ऐसा माहौल बनाती है कि आपको लगेगा जैसे पूरा शहर एक साथ किसी उत्सव में शामिल हो गया हो।
Gaori Ghat की पहचान इस वजह से भी खास है कि यहां Gomti का तट सबसे साफ, विस्तृत और संस्कृतिक रूप से सक्रिय माना जाता है। Kartik Purnima के समय यहां कई तरह केreligious programs, devotional songs, बैण्ड-बाजा, झांकियां, भजन, और लोक-कलाकारों का प्रदर्शन देखने को मिलता है।
2. Gauri Ghat तक कैसे पहुँचें? : सबसे आसान रूट
अब location की जानकारी तभी काम आएगी जब आपको वहां तक पहुँचने का सही तरीका पता हो। इसलिए इसे भी साधारण भाषा में समझ लेते हैं।
लखनऊ में रहने वालों के लिए:
1. अगर आप Charbagh या Kaiserbagh वाले साइड से आ रहे हैं, तो आप आसानी से Daliganj Bridge की तरफ बढ़ें। वहाँ से Gaori Ghat की दूरी सिर्फ कुछ ही मिनटों की है।
2. अगर आप Aliganj, Jankipuram या Kapoorthala से आ रहे हैं, तो Gaori Ghat आपके लिए बेहद नज़दीक माना जाता है। सिर्फ 5–10 मिनट का सफर।
3. अगर आप Gomti Nagar, Indira Nagar या Hazratganj की साइड से आ रहे हैं, तो आपको Hanuman Setu या Nishatganj से होकर Daliganj वाले रास्ते की तरफ जाना होगा।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन ट्रैफिक थोड़ा भारी रहता है, इसलिए कोशिश करें कि वहाँ शाम से पहले पहुँचें ताकि पार्किंग और भीड़ दोनों में आसानी रहे।3. मेले का असली माहौल – क्यों लोग हर साल इंतज़ार करते हैं?
मेले की असली खूबसूरती इसके वातावरण में है। यहाँ आपको धार्मिक भाव, लोक-संस्कृति, खरीदारी और खाने का मज़ेदार कॉम्बो एक साथ देखने को मिलता है।
सबसे पहले बात करते हैं दीपदान की। लोग Gomti नदी के किनारे दीप जलाकर बहाते हैं और मानते हैं कि इससे जीवन में शांति और सुख आता है। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सब नदी किनारे बैठकर अपनी थालियाँ सजाते हैं और दीपों की रोशनी जैसे ही पानी में उतरती है, तो लगता है जैसे नदी खुद किसी त्योहार की दुल्हन बन गई हो।
इसके बाद आती है खरीदारी। मेले में मिट्टी के बर्तन, लकड़ी के खिलौने, रंग-बिरंगी चूड़ियाँ, हाथ से बनी सजावटी चीज़ें, कपड़े, खिलौने और छोटे-छोटे religious items मिल जाते हैं। कीमतें भी बहुत भारी नहीं होतीं, इसलिए लोग यहाँ खरीदारी करने का मज़ा अलग ही लेते हैं।
और भाई, मेले की बात हो और खाने की बात न हो, ये कैसे हो सकता है? यहाँ आपको कचौड़ी, जलेबी, चाट, आलू टिक्की, रबड़ी, मालपुआ जैसे देसी स्वाद हर जगह मिल जाते हैं।
4. क्यों Gaori Ghat ही सबसे लोकप्रिय location है?
लखनऊ में छोटे-बड़े कई घाट हैं, लेकिन Gauri ghat की popularity कुछ खास वजहों से सबसे ज्यादा है।
1. ये सबसे बड़ा और well-organized घाट माना जाता है।
यहाँ मेले के दौरान प्रशासन अतिरिक्त सुरक्षा, सफाई और लाइटिंग का खास इंतज़ाम करता है।
2. नदी का तट यहाँ चौड़ा और साफ है, इसलिए लोगों को दीपदान करने में आसानी होती है।
3. Accessibility सबसे आसान है।
शहर का लगभग हर बड़ा इलाका यहाँ से 10–15 मिनट की दूरी पर है।
4. मेले का केंद्र बिंदु यहीं होता है, इसलिए बाकी सभी घाटों की भीड़ भी आखिरकार इसी गिरीम के आसपास इकट्ठा हो जाती है।
5. Kartik Purnima Mela में भीड़ कैसी होती है? पहले जान लें
अगर आप पहली बार मेला देखने जा रहे हैं, तो आपको ये जानना जरूरी है कि यहाँ भीड़ काफी ज्यादा होती है, खासकर दीपदान वाले टाइम पर। शाम 5 बजे से लेकर रात 9–10 बजे तक पूरा इलाका भरा रहता है।
मेरी सलाह:
1. जितना हो सके थोड़ा पहले पहुँचें, ताकि नदी किनारे एक अच्छी जगह मिल जाए।
2. परिवार के साथ आ रहे हैं तो बच्चों का खास ध्यान रखें।
3. कार लाए हैं तो मेन रोड पर पार्किंग ढूँढना मुश्किल हो सकता है—थोड़ा पहले के इलाकों में पार्क करें और पैदल चले जाएँ।

6. Kartik Purnima Mela का इतिहास : क्यों इतना खास माना जाता है?
सनातन संस्कृति में Kartik Purnima को बेहद पवित्र माना गया है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने Matsya Avatar लिया था और इसी दिन देवताओं ने त्रिपुरासुर का वध किया, जिसे हम देव दीपावली भी कहते हैं।
कहते हैं कि कार्तिक में एक बार नदी स्नान करने से जीवन की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और शुभता आती है। इसलिए लोग Gomti में स्नान करके दीपदान करते हैं।
लखनऊ में यह परंपरा कई दशक पुरानी है और धीरे-धीरे यह एक भव्य मेले का रूप ले चुकी है।
7. conclusion:Kartik Purnima Mela Lucknow Location | पूरा गाइड ऐसा कि आपको दूसरी वेबसाइट पर जाने की ज़रूरत ही न पड़े
अगर आप लखनऊ में रहते हैं और Kartik Purnima Mela देखने नहीं गए हैं, तो यकीन मानिए आप अपने शहर की एक बहुत खूबसूरत पहचान मिस कर रहे हैं।
Gaori ghat की शाम कार्तिक पूर्णिमा के दिन ऐसी लगती है कि जैसे आसमान ने अपनी सारी रोशनी इस एक घाट पर उड़ेल दी हो।


