दीपावली कब मनाई जाती है? और क्यों मनाई जाती है?: नमस्कार दोस्तों , जैसा कि आप जानते है कि दीपावली यानी दिवाली भारत का सबसे बड़ा और रंगीन त्योहार है। यह हर साल कार्तिक माह की अमावस्या को मनाई जाती है, जो आमतौर पर अक्टूबर और नवंबर के बीच आती है। वैसे तो तारीख साल-दर-साल बदलती रहती है क्योंकि यह हिन्दू पंचांग के अनुसार तय होती है। दीपावली का त्योहार पांच दिनों तक चलता है, जिनमें हर दिन का अपना महत्व होता है।
पहला दिन वसुबरस या वसु पूजा कहलाता है, जिसमें घर की संपत्ति और गायों की पूजा की जाती है। दूसरे दिन धनतेरस होता है, जिसमें नए बर्तन, सोना या चांदी खरीदकर भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। तीसरे दिन नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली मनाई जाती है। चौथा दिन सबसे प्रमुख है — लक्ष्मी पूजा और दीपावली। इस दिन लोग अपने घरों को दीपकों से सजाते हैं और माँ लक्ष्मी की पूजा करते हैं। पांचवा दिन भाई दूज के रूप में भाई-बहन के रिश्तों को मान्यता देने के लिए मनाया जाता है।

दीपावली क्यों मनाई जाती है?
दोस्तों , आपको बता दें कि दीपावली का इतिहास और महत्व बहुत रोचक है। इसे मनाने के कई कारण हैं, जिनमें धर्म, संस्कृति और लोककथाएँ शामिल हैं।
- रामायण की कथा: सबसे प्रसिद्ध मान्यता है कि भगवान राम चौदह वर्षों के वनवास के बाद, रावण का वध करके और माता सीता के साथ अयोध्या लौटे थे। उनके स्वागत के लिए अयोध्यावासियों ने घर-घर दीप जलाए। यही कारण है कि दीपावली को “अंधकार पर प्रकाश की जीत” के रूप में देखा जाता है।
- माँ लक्ष्मी की पूजा: दीपावली के दिन लोग माँ लक्ष्मी, जो धन, समृद्धि और खुशहाली की देवी हैं, की पूजा करते हैं। घर को साफ-सुथरा रखना और दीपक जलाना इस विश्वास का हिस्सा है कि माँ लक्ष्मी इसी तरह अपने भक्तों के घर में वास करती हैं।
- काली पूजा और नववर्ष: कुछ जगहों पर यह त्योहार नववर्ष की शुरुआत का प्रतीक भी माना जाता है। विशेष रूप से पश्चिम भारत में, दीपावली को नए आर्थिक साल की शुरुआत के रूप में मनाया जाता है।
- अंधकार पर प्रकाश की विजय: दीपावली सिर्फ धार्मिक महत्त्व नहीं रखती, बल्कि यह अंधकार पर प्रकाश, बुराई पर अच्छाई, और दुख पर खुशी की जीत का प्रतीक है। दीपक, मोमबत्ती और रंग-बिरंगी लाइट्स का इस्तेमाल इसे और भी जीवंत बनाता है।
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दीपावली के मनाने के तरीके क्या है?
दोस्तों , दीपावली का त्योहार हर घर में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
- घर को साफ करके रंगोली बनाई जाती है।
- दीपक और मोमबत्तियों से घर सजाया जाता है।
- पटाखे चलाए जाते हैं, जो बच्चों के लिए खास आनंद का समय होता है।
- मिठाइयाँ और स्नैक्स तैयार किए जाते हैं और अपने रिश्तेदारों और दोस्तों में बांटे जाते हैं।
- पूजा के बाद लक्ष्मी पूजन और गणेश पूजन किया जाता है।
- कई जगह नए कपड़े पहनकर त्योहार को खास बनाया जाता है।
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आपके के लिए सलाह:
दोस्तों , दीपावली न केवल धार्मिक त्योहार है बल्कि यह एक सामाजिक और सांस्कृतिक उत्सव भी है। यह हमें अंधकार में प्रकाश देखने, बुराई पर अच्छाई की जीत का अनुभव करने और अपने घर और रिश्तों में खुशहाली लाने की प्रेरणा देता है। हर दीपक, हर रंगोली, और हर पूजा हमें यह याद दिलाती है कि दीपावली खुशियों और उम्मीदों का त्योहार है। तो दोस्तों , अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो तो आप हमे कमेन्ट बॉक्स में जरूर बताएं और साथ ही अपने दोस्तों को जरूर शेयर करें। और साथ ही अपने दोस्तों को जरूर शेयर करें।


