गोवर्धन पूजा क्यों मनाया जाता है?

भारत की धरती पर जब भी धार्मिक और सांस्कृतिक त्योहारों की चर्चा होती है, तो दीपावली का नाम सबसे पहले आता है। दीपावली का यह पाँच दिन का त्योहार हर दिन अपने खास महत्व के कारण मनाया जाता है। इन्हीं दिनों में से एक दिन है। गोवर्धन पूजा। लेकिन बहुत लोग यही सवाल पूछते हैं कि आखिर गोवर्धन पूजा क्यों मनाया जाता है? इसका महत्व क्या है और यह परंपरा कहाँ से शुरू हुई? तो आइए भाई, मैं आपको दोस्त की तरह पूरी कहानी और इसके पीछे की मान्यता समझाता हूँ।

गोवर्धन पूजा क्यों मनाया जाता है
गोवर्धन पूजा क्यों मनाया जाता है

गोवर्धन पूजा क्या है?

गोवर्धन पूजा, दीपावली के अगले दिन कार्तिक मास की शुक्ल प्रतिपदा को मनाई जाती है। इसे कई जगहों पर अन्नकूट पर्व के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है, जिन्होंने गोवर्धन पर्वत उठाकर इंद्रदेव के अभिमान को तोड़ा और ब्रजवासियों को भयंकर बारिश से बचाया था।

दरअसल यह पूजा सिर्फ एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि प्रकृति और अन्न के महत्व को सम्मान देने का तरीका भी है। इस दिन लोग तरह-तरह के पकवान बनाकर भगवान को अर्पित करते हैं और परिवार सहित उसका प्रसाद ग्रहण करते हैं।

गोवर्धन पूजा क्यों मनाया जाता है?

अब बात करते हैं असली सवाल की गोवर्धन पूजा क्यों मनाया जाता है। भाई, इसके पीछे कई कारण और मान्यताएँ जुड़ी हुई हैं, जिन्हें आसान भाषा में समझ लेते हैं।

  1. श्रीकृष्ण और गोवर्धन पर्वत की कथा
    कहा जाता है कि एक बार इंद्रदेव ने लगातार बारिश करके ब्रजवासियों को परेशान करना शुरू कर दिया। उस समय भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाकर पूरे गाँव को बारिश और बाढ़ से बचाया। इस घटना के बाद से ही हर साल गोवर्धन पूजा की परंपरा शुरू हुई।
  2. प्रकृति और अन्न के प्रति आभार
    गोवर्धन पूजा को “अन्नकूट” भी कहते हैं, क्योंकि इस दिन तरह-तरह के व्यंजन बनाकर भगवान को भोग लगाया जाता है। यह हमें सिखाता है कि अन्न का सम्मान करना कितना ज़रूरी है।
  3. गाय और पशुधन का महत्व
    इस दिन गायों और बैलों की विशेष पूजा की जाती है। ग्रामीण इलाकों में लोग अपने पशुओं को सजाते हैं, उन्हें अच्छा भोजन कराते हैं और उनके प्रति आभार जताते हैं। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि खेती और जीवन, दोनों ही पशुधन पर आधारित हैं।
  4. सामूहिकता और प्रेम का संदेश
    गोवर्धन पूजा सिर्फ पूजा तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें पूरा गाँव और परिवार शामिल होता है। लोग मिलकर अन्नकूट तैयार करते हैं, प्रसाद बाँटते हैं और मिलजुलकर इसे मनाते हैं। यह त्योहार समाज में प्रेम और भाईचारे का प्रतीक है।

Also read – दीपावली के बाद गोवर्धन पूजा क्यों की जाती है?

गोवर्धन पूजा कैसे मनाई जाती है?

गोवर्धन पूजा का तरीका अलग-अलग राज्यों और परंपराओं में थोड़ा अलग हो सकता है, लेकिन इसका भाव हमेशा एक ही रहता है। सुबह-सुबह घर और आँगन को साफ किया जाता है और गोबर से लीपाई की जाती है। फिर आँगन में गोवर्धन पर्वत की प्रतिमा बनाई जाती है। उसके बाद फूल, दीपक, हल्दी, चावल और मिठाइयों से पूजा की जाती है। कई जगहों पर गाय-बैल की पूजा भी होती है। शाम को पूरे परिवार के लोग एक साथ बैठकर अन्नकूट प्रसाद ग्रहण करते हैं। गाँवों में बच्चे इस दिन लोकगीत गाते हैं और घर-घर घूमकर उत्सव का आनंद लेते हैं।

गोवर्धन पूजा का धार्मिक महत्व

अगर धार्मिक दृष्टिकोण से देखें तो गोवर्धन पूजा का महत्व बहुत बड़ा है।

  • यह पूजा हमें अहंकार छोड़कर भगवान और प्रकृति पर विश्वास करना सिखाती है।
  • इससे हमें याद दिलाया जाता है कि इंसान कितना भी बड़ा क्यों न हो जाए, उसकी ज़िंदगी पूरी तरह प्रकृति पर निर्भर है।
  • गोवर्धन पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि, शांति और अन्न-धन की बरकत बनी रहती है।
  • इस दिन का एक और संदेश है। पशुओं और खेती का महत्व, जिन्हें आज भी हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है।

गोवर्धन पूजा से जुड़े 5 रोचक तथ्य

  1. गोवर्धन पूजा को भारत ही नहीं, नेपाल में भी बहुत धूमधाम से मनाया जाता है।
  2. इस दिन ब्रजभूमि (मथुरा और वृंदावन) में लाखों श्रद्धालु गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करने पहुँचते हैं।
  3. गोवर्धन पूजा को कई जगहों पर “अन्नकूट” के नाम से मनाया जाता है, जहाँ सैकड़ों तरह के व्यंजन भगवान को अर्पित किए जाते हैं।
  4. गाँवों में इस दिन बच्चे घर-घर जाकर “गोधन-गोधन” गाते हुए मिठाइयाँ और उपहार इकट्ठा करते हैं।
  5. मान्यता है कि इस दिन गोवर्धन पूजा करने से जीवन में संकट दूर होते हैं और भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद मिलता है।

निष्कर्ष:गोवर्धन पूजा क्यों मनाया जाता है?

अब आप अच्छे से समझ गए होंगे कि गोवर्धन पूजा क्यों मनाया जाता है। यह त्योहार सिर्फ एक धार्मिक मान्यता नहीं बल्कि प्रकृति, अन्न और पशुओं के प्रति आभार व्यक्त करने का दिन भी है। इस दिन हमें यह सीख मिलती है कि हमारी ज़िंदगी में अन्न, जल, पशु और पर्यावरण कितने अहम हैं।

गोवर्धन पूजा का असली संदेश यही है कि हमें मिलजुलकर रहना चाहिए, प्रकृति का सम्मान करना चाहिए और अन्न का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। यही वजह है कि हर साल दीपावली के बाद गोवर्धन पूजा बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ पूरे देश में मनाई जाती है।

1 thought on “गोवर्धन पूजा क्यों मनाया जाता है?”

  1. Pingback: 2025 गोवर्धन पूजा एवं भाई दूज कब है? - AyodhyaNaimish.com

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top