चांद को जल देते समय क्या बोलना चाहिए?

चांद को जल देते समय क्या बोलना चाहिए?: प्रणाम दोस्तों , जैसा कि आप जानते है कि हमारे हिंदू धर्म में चंद्रमा को बहुत पवित्र और शांत स्वरूप माना गया है। चंद्र देव को जल अर्पित करने से मन को शांति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है। ज्यादातर लोग सोमवारी व्रत, करवाचौथ या खास तीज-त्योहारों पर चंद्रमा को जल चढ़ाते हैं। लेकिन बहुत से लोगों के मन में यह सवाल आता है कि आखिर चांद को जल देते समय क्या बोला जाए। दरअसल, जल अर्पित करते समय मंत्र, प्रार्थना और श्रद्धा सबसे ज्यादा मायने रखते हैं।

दोस्तों आपको बता दें कि चांद को जल चढ़ाने का तरीका भी खास होता है। जल से भरे लोटे में अक्षत (चावल), पुष्प और रोली डालकर धीरे-धीरे चंद्रमा की ओर मुख करके अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से मानसिक तनाव कम होता है और घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। खासकर विवाहित स्त्रियां करवाचौथ के दिन चांद को जल देती हैं और पति की लंबी आयु की कामना करती हैं। वहीं, सोमवार के दिन चंद्रमा की पूजा से मनोकामनाएं पूरी होने की मान्यता है।

चांद को जल देते समय क्या बोलना चाहिए
चांद को जल देते समय क्या बोलना चाहिए

चांद को जल देते समय क्या बोलना चाहिए? -से जुड़े कुछ सवाल

सवालजवाब
चांद को जल देते समय क्या बोलना चाहिए?“ॐ सोमाय नमः” या “चंद्रदेव को प्रणाम” बोलना चाहिए।
चांद को जल देने का सही तरीका क्या है?जल से भरे लोटे में अक्षत और फूल डालकर चांद की ओर अर्घ्य दें।
चांद को अर्घ्य क्यों दिया जाता है?चंद्रदेव को अर्घ्य देने से दांपत्य सुख और सौभाग्य मिलता है।
चांद को जल देने का महत्व क्या है?इससे मानसिक शांति, पति की लंबी उम्र और परिवार का सुख बढ़ता है।
चांद को जल देने का सही समय कब होता है?जब आकाश में चांद साफ दिखाई दे, तभी अर्घ्य देना चाहिए।
चांद को जल देने की विधि क्या है?पूर्व दिशा की ओर मुंह करके चांद को जल, फूल और अक्षत अर्पित करें।
करवाचौथ पर चांद को जल कैसे दें?छलनी से चांद देखकर पहले पूजा करें और फिर जल अर्पित करें।
पति की लंबी उम्र के लिए चांद को अर्घ्य क्यों दिया जाता है?मान्यता है कि चंद्रदेव आशीर्वाद देकर पति की आयु और दांपत्य जीवन को सुखी बनाते हैं।

चांद को जल देते समय क्या बोलना चाहिए

दोस्तों , सबसे पहले आपको यह जानना होगा कि चांद को जल अर्पित करते समय सिर्फ जल चढ़ाना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि सही मंत्र और वाक्य बोलना भी जरूरी है। यह बोलते समय आपका मन पूरी तरह श्रद्धा और भक्ति से भरा होना चाहिए। आइए जानते हैं कि इस समय क्या कहना चाहिए:

  1. “ॐ चन्द्राय नमः” मंत्र का जाप
    यह सबसे प्रमुख और सरल मंत्र है। जल अर्पित करते हुए इसे 11 या 21 बार बोलने से चंद्र देव प्रसन्न होते हैं और मन में शांति आती है।
  2. चंद्रमा से प्रार्थना
    आप अपने शब्दों में भी कह सकते हैं – “हे चंद्र देव, मेरी सभी मनोकामनाएं पूरी करें, मेरे जीवन में सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य का आशीर्वाद दें।”
  3. करवाचौथ और व्रतों के लिए विशेष प्रार्थना
    विवाहित स्त्रियां कह सकती हैं – “हे चंद्र देव, मेरे पति को लंबी आयु और स्वस्थ जीवन दें।”
  4. शांति और मानसिक संतुलन की कामना
    अगर कोई व्यक्ति तनाव या चिंता से परेशान है, तो वह कहे – “हे चंद्रमा, मेरे मन को शांति और धैर्य प्रदान करें।”

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चांद की आरती:

जल चढ़ाने के बाद चंद्र देव की आरती करना बहुत शुभ माना जाता है। यहां एक पारंपरिक चंद्रमा की आरती दी गई है:

आरती चन्द्रमा जी की

जय जय चन्द्रमा भक्तन हितकारी।
पूजे तुम्हें जगत सारा।।

शीतल किरणें बरसाते हो।
मन को हरषाते हो।।

जय जय चन्द्रमा भक्तन हितकारी।
पूजे तुम्हें जगत सारा।।

दुख-दरिद्रता दूर भगाते।
सुख-समृद्धि सबको दिलाते।।

जय जय चन्द्रमा भक्तन हितकारी।
पूजे तुम्हें जगत सारा।।

निष्कर्ष:

दोस्तों , चांद को जल देते समय सबसे अहम बात यह है कि आप अपने मन की सच्ची भावनाओं के साथ प्रार्थना करें। चाहे आप मंत्र जपें या अपने शब्दों में प्रार्थना करें, आपकी श्रद्धा ही सबसे बड़ी शक्ति होती है। चंद्रमा को जल देने से मानसिक शांति, पारिवारिक सुख और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है। इसलिए अगली बार जब भी आप चांद को जल दें, मन से प्रार्थना करें और साथ ही आरती अवश्य करें। तो दोस्तों कैसा लगा आपको यह आर्टिकल अगर अच्छा लगा हो तो आप हमे कमेन्ट बॉक्स मे जरूर बताएं।

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