भारत में जब भी पति-पत्नी के रिश्ते की बात होती है तो सबसे पहले करवा चौथ का नाम आता है। यह सिर्फ एक व्रत नहीं है बल्कि प्यार, विश्वास और समर्पण का प्रतीक है। हर साल सुहागिन महिलाएँ इस दिन निर्जला व्रत रखती हैं और रात को चाँद देखकर अपने पति की लंबी उम्र और सुखी जीवन की कामना करती हैं। 2025 करवा चौथ का चांद कितने बजे निकलेगा?अब 2025 का करवा चौथ आने वाला है और सभी महिलाओं के मन में यही सवाल है।

करवा चौथ 2025 कब है?
सबसे पहले यह जानना ज़रूरी है कि करवा चौथ की सही तारीख और दिन कौन सा है। साल 2025 में करवा चौथ 10 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन महिलाएँ सूर्योदय से पहले ही व्रत की शुरुआत करती हैं और फिर रात को चाँद निकलने के बाद अपने पति का चेहरा छलनी से देखकर व्रत खोलती हैं।
करवा चौथ का महत्व सिर्फ इसलिए नहीं है कि महिलाएँ व्रत रखती हैं, बल्कि यह दिन पति-पत्नी के बीच अटूट रिश्ते और विश्वास का प्रतीक बन चुका है। खासकर उत्तर भारत के राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, बिहार और दिल्ली में यह व्रत बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
2025 करवा चौथ का चांद कितने बजे निकलेगा?
अब सबसे अहम सवाल पर आते हैं। साल 2025 में करवा चौथ का चांद रात लगभग 8:20 बजे (भारतीय समय अनुसार) निकलेगा।
ध्यान रहे कि यह समय आपके शहर के अनुसार थोड़ा आगे-पीछे हो सकता है। जैसे दिल्ली, लखनऊ, जयपुर, पटना, भोपाल, चंडीगढ़ और मुंबई जैसे बड़े शहरों में चाँद निकलने के समय में 5-10 मिनट का अंतर हो सकता है। इसलिए हमेशा स्थानीय पंचांग या अपने शहर के चांद निकलने का समय जरूर चेक करें।
लेकिन औसतन कहा जाए तो पूरे भारत में 10 अक्टूबर 2025 की रात 8:15 से 8:30 के बीच करवा चौथ का चांद दिखाई देगा।
करवा चौथ पर चाँद का महत्व क्यों है?
करवा चौथ का पूरा व्रत ही चाँद से जुड़ा हुआ है। महिलाएँ दिनभर बिना खाना-पानी लिए व्रत रखती हैं और जैसे ही रात को चाँद निकलता है, वे छलनी से पहले चाँद को और फिर अपने पति को देखती हैं। ऐसा माना जाता है कि यह परंपरा पति की लंबी उम्र और वैवाहिक जीवन की खुशहाली के लिए की जाती है। चाँद को साक्षी मानकर किए गए इस व्रत का महत्व इतना है कि इसे “सुहाग का सबसे बड़ा पर्व” कहा जाता है। इसलिए हर महिला इस दिन चाँद के निकलने का बेसब्री से इंतज़ार करती है।
यह भी जानें – करवा चौथ में छलनी से चांद और पति का दर्शन क्यों किया जाता है?
करवा चौथ का व्रत कैसे किया जाता है?
करवा चौथ का व्रत सिर्फ चाँद देखने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसकी एक पूरी विधि होती है।
सुबह सूर्योदय से पहले महिलाएँ सरगी खाती हैं जो सास द्वारा दी जाती है। इसके बाद महिलाएँ दिनभर बिना पानी पिए व्रत करती हैं। शाम को पूजा के समय करवा माता की कथा सुनी जाती है और सभी महिलाएँ मिलकर करवा चौथ की पूजा करती हैं।
फिर रात को जब चाँद निकलता है तो महिलाएँ छलनी से पहले चाँद और फिर अपने पति का चेहरा देखती हैं। पति पत्नी को पानी पिलाकर और मिठाई खिलाकर व्रत खुलवाता है।
2025 करवा चौथ का व्रत खोलने का शुभ मुहूर्त
2025 में करवा चौथ का शुभ मुहूर्त शाम 6:00 बजे से रात 7:20 बजे तक रहेगा। इस दौरान महिलाएँ करवा माता की पूजा और कथा का आयोजन कर सकती हैं। उसके बाद रात में जैसे ही चाँद दिखाई देगा, व्रत खोला जाएगा।
करवा चौथ से जुड़े 5 रोचक तथ्य
अब चलिए आपको इस पर्व से जुड़े कुछ रोचक तथ्य भी बता देते हैं:
- करवा चौथ सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पाकिस्तान और नेपाल के कुछ हिस्सों में भी मनाया जाता है।
- प्राचीन काल में यह पर्व सिर्फ नवविवाहित महिलाओं के लिए था, लेकिन अब सभी विवाहित महिलाएँ इसे करती हैं।
- करवा चौथ का ज़िक्र महाभारत में भी मिलता है, जब द्रौपदी ने अर्जुन के लिए यह व्रत रखा था।
- इस दिन उपयोग में आने वाली “करवा” (मिट्टी का घड़ा) ही इस पर्व का नाम बना – करवा चौथ।
- आधुनिक समय में कई पति भी अपनी पत्नियों के साथ व्रत रखते हैं ताकि रिश्ते में बराबरी और प्यार का भाव दिखे।

निष्कर्ष:2025 करवा चौथ का चांद कितने बजे निकलेगा?
तो दोस्तों, अब आपको साफ पता चल गया कि 2025 में करवा चौथ का चाँद 10 अक्टूबर की रात लगभग 8:20 बजे निकलेगा। इस खास दिन का महत्व सिर्फ व्रत रखने तक सीमित नहीं है बल्कि यह पति-पत्नी के रिश्ते की गहराई और अटूट विश्वास का प्रतीक है।
अगर आप भी इस साल करवा चौथ का व्रत करने वाली हैं तो तैयारियां अभी से शुरू कर दीजिए। सरगी, पूजा की थाली, छलनी और करवा माता की पूजा सामग्री का इंतज़ाम कर लें ताकि व्रत के दिन किसी तरह की कोई दिक्कत न हो।


